रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने मंगलवार को हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा में सुधार नहीं, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करना है। राज्यपाल के अधिकारों में हस्तक्षेप कर सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं और संविधान की मूल भावना का उल्लंघन कर रही है। पार्टी कार्यालय में आजसू छात्र संघ द्वारा आयोजित मिलन समारोह को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड की मौजूदा सरकार ने युवाओं और छात्रों को केवल छलने का काम किया है। बेरोजगारी चरम पर है, जबकि सरकारी नौकरियों का जिक्र सिर्फ कागजों पर किया जा रहा है। सरकार का ध्यान युवाओं के भविष्य से अधिक शराब दुकानों के समय निर्धारण पर है। उन्होंने कुलपति चयन प्रक्रिया में सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और युवाओं के अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) में भी राज्यपाल के अधिकारों की अनदेखी की गई थी। सुदेश महतो ने कहा कि आजसू पार्टी की लड़ाई झारखंड के हर वर्ग के अधिकारों के लिए है। हम हर गांव, हर परिवार और हर वर्ग को जोड़कर निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्थानीय और नियोजन नीति पर सरकार को घेरते हुए कहा कि झूठे वादों से जनता को गुमराह किया गया है। भर्ती प्रक्रिया, नियुक्ति कैलेंडर और विकास योजनाओं में सरकार पूरी तरह विफल रही है। तीन महीनों में विकास योजनाओं पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि आजसू पार्टी हर मंच से इस विफलता को उजागर करेगी और युवाओं के भविष्य की लड़ाई मजबूती से लड़ेगी। आजसू ने संघर्ष कर बनाया है झारखंड: प्रवीण प्रभाकर केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि आजसू ने इतिहास रचा है और संघर्ष कर अलग राज्य लिया है। आजसू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार से वार्ता कर वनांचल की बजाय झारखंड नामकरण करवाया। श्री प्रभाकर ने कहा कि पार्टी छात्रों, युवाओं और सभी वर्गों के लिए हमेशा संघर्ष करती रही है। हम सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे। हमारा लक्ष्य सामाजिक न्याय और समृद्ध झारखंड है।
