बोरियो: प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में आदिवासी समुदाय के पारंपरिक धार्मिक स्थल जाहेर थानों की घेराबंदी में अनियमितता बरती जा रही है। कल्याण विभाग के मद से निमार्ण होने वाले जाहेर थानों के चारदीवारी में ठेकदारों द्वारा गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। हाल ही में तेलो पंचायत के बियासी गांव में निर्माणधीन जाहेर थान के चारदीवारी में निम्न स्तर के मैटेरियल का इस्तेमाल होते देखा गया है। गुणवत्ता के पैमानों को प्रथम दृष्टया देखते ही लग रहा है कि चारदीवारी में लगाई गई “ईट” तीन नंबर की है, बालू और काले मिट्टी में फर्क नहीं दिख रहा है, छड़ में भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है इतना ही नहीं पिलर निर्माण में अनियमितता बरती गई है, क्योंकि कार्य कर रहे राजमिस्त्री के मुताबिक जमीन से तीन फीट गहराई तक पिलर का ढलाई किया जाना है, लेकिन पिलर की गहराई सिर्फ घुटने भर की है यानी कि डेढ़ फीट ही हो सकती है। साथ ही साथ निर्माण स्थल में छर्री का ढेर लगा हुआ था, जिसे चारदीवारी निर्माण में बालू की जगह उपयोग किया जा रहा है। जाहेर थान के चारदीवारी निर्माण को देखकर लगता है कि कार्य के नाम पर गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है, निर्माण कार्य के समय तकनीकी जानकार को भी नहीं देखा गया, राजमिस्त्री और मजदूर अपने अनुसार कार्य कर रहे थे। वही जाहेर थान घेराबंदी निर्माण में प्रखंड क्षेत्र के मठियो गांव में हाल ही में निमार्ण हुए जाहेर थान के चारदीवारी को देखा गया तो दीवार में कई जगह पर दरार पड़ चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्य के नाम पर खानापूर्ति किया गया है। इसी तरह सभी पंचायतों के चारदीवारी निमार्ण में अनियमितता बरती गई है। इस मसले पर अगर जांच पड़ताल किया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। खास बात यह है कि चारदीवारी निर्माण में योजना बोर्ड नहीं लगाई जाती है जिससे साफ तौर पर योजना की जानकारी किसी को नहीं होती। बता दें कि कल्याण विभाग द्वारा प्रदत्त जाहेर थान घेराबंदी निर्माण में लाखों रूपए का टेंडर जारी किया जाता है, इसके बावजूद गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा है। इस मामले में जब जिला कल्याण पदाधिकारी को सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कॉल रिसीव नहीं हो सका।
