भागलपुर.मजदूर विरोधी चार कोड कानून को निरस्त करने, सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने आदि अन्य न्यायपूर्ण मांगों को लेकर संविधान दिवस पर भागलपुर सहित देशभर के जिला मुख्यालयों में हुए मजदूरों–किसानों के संयुक्त प्रदर्शन के बाद आन्दोलन की आगामी योजना पर विमर्श के लिए ऑल इण्डिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक 29 व 30 नवम्बर 2024 को दिल्ली में हो रही है। बैठक में भाग लेने के लिए भागलपुर के एसके शर्मा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ऐक्टू) और मुकेश मुक्त (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, ऐक्टू) दिल्ली रवाना हुए। बैठक में ऐक्टू के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी. शंकर व राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी सहित बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, तमिलनाडु, पांडिचेरी, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि अन्य राज्यों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शामिल होंगे।ऐक्टू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं बिहार के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने मौके पर संविधान दिवस के दिन ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के बैनल तले देशव्यापी आह्वान पर प्रधानमंत्री के लिए जिला पदाधिकारी को मांग पत्र सौंपने, भागलपुर कलेक्ट्रेट गेट पहुंचे मजदूर–किसान प्रदर्शनकारियों पर सदर एसडीओ के नेतृत्व में, उसके साथ आए पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज की तीखी भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि सदर एसडीओ ने प्रदर्शनकारियों को बिना वजह ही गाली–गलौच और धक्का–मुक्की करना शुरु कर दिया था। प्रदर्शकारियों ने जब सदर एसडीओ के दुर्व्यवहार का विरोध किया तो उसके साथ आए पुलिस कर्मियों ने लाठी चार्ज करते हुए प्रदर्शनकारियों की क्रूर पिटाई कर दी और उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस की इस बर्बरता से मजदूर–किसान संगठनों के कई नेतृत्वकारी गम्भीर रुप से चोटिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर प्रशासन ने न सिर्फ झूठा मुकदमा थोप दिया बल्कि प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के बाद भी उन्हें, पुनः क्रूरता के साथ पीटा। जबकि प्रदर्शनकारी तो सिर्फ अपनी न्यायपूर्ण मांगों का ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्टर गेट पहुंचे थे और गेट से प्रदर्शनकारियों की पर्याप्त दूरी भी थी।उन्होंने स्थानीय इंजिनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक एवं छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज और उनकी बर्बर पिटाई की भी तीखी निंदा की। उन्होंने मांग किया कि मजदूरों–किसानों की बर्बर पिटाई करवाने वाले भागलपुर सदर एसडीओ को बर्खास्त किया जाय व सम्बंधित पुलिस कर्मियों को कड़ी सजा दी जाय और प्रदर्शनकारियों पर थोपे गए झूठे मुकदमें अविलंब वापस लिए जाएं। अगर मांगों पर अविलंब कार्रवाई नहीं हुई तो ऐक्टू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सड़कों पर उतर कर आंदोलन तेज किस जाएगा। नीतीश–भाजपा शासन की इस बर्बर दमन की कार्रवाई से भाकपा–माले के विधायकों को भी अवगत कराया जाएगा।
