साहिबगंज। साहिबगंज में गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। गंगा उफान पर है और हर घंटे जलस्तर बढ़ता जा रहा है। इससे दियारा और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में बाढ़ का भय गहराने लगा है।केंद्रीय जल आयोग, पटना से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 27.55 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यह चेतावनी रेखा 26.25 मीटर से 1.30 मीटर ऊपर और खतरे के निशान 27.25 मीटर से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फिलहाल गंगा का जलस्तर हर तीन घंटे में एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है।जलस्तर की यह रफ्तार बनी रही तो अगले एक सप्ताह में दियारा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परिवार और मवेशियों के साथ पलायन करना पड़ सकता है। गंगा का पानी अब लालबथानी गांव के निचले इलाकों, साहिबगंज नगर के गंगा घाट के सामने कमल टोला और गोपालपुर सिंहा टोला के हिस्सों में प्रवेश कर गया है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब रही हैं और घरों में पानी घुसने की आशंका बढ़ गई है।प्रशासन अलर्ट मोड में है। जिला प्रशासन से लेकर सदर प्रखंड और अंचल प्रशासन तक लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं। सदर प्रखंड में मवेशियों के लिए चार राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में गोताखोरों को भी तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य में देरी न हो।गंगा के जलस्तर में वृद्धि से करीब एक लाख लोगों और 90 हजार से अधिक छोटे-बड़े मवेशियों के प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोग हर दिन बढ़ते जलस्तर को देखकर चिंता में हैं। हर साल आने वाली बाढ़ उनकी आजीविका और जीवन को प्रभावित कर देती है। इस बार भी पानी का स्तर तेजी से बढ़ने के कारण लोग घरों में जरूरी सामान ऊंचाई पर रखने और नावों की व्यवस्था करने में जुट गए हैं।प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत ऊंचाई वाले स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं। इस बीच कई पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक संगठन भी प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री और मेडिकल सहायता पहुंचाने की तैयारियां कर रहे हैं।गंगा का पानी बढ़ने से दियारा क्षेत्र में हर साल आने वाला बाढ़ का डर एक बार फिर लौट आया है। लोग राहत और बचाव की व्यवस्था समय पर किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि जान-माल का नुकसान रोका जा सके।
