नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर जातिगत जनगणना को लेकर भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है. भाजपा नेताओं तरुण चुग और सुधांशु त्रिवेदी ने बयानों में अपनी पार्टी की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और मोदी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के व्यापक प्रतिनिधित्व पर जोर दिया.साथ ही कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण चुग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के दावों को खारिज करते हुए उन्हें ‘खुल्लम-खुल्ला झूठ बोलने’ का आरोप लगाया. चुग ने कहा कि भाजपा ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार को पूर्ण समर्थन दिया था.उन्होंने कहा, “जयराम रमेश कोरा झूठ बोल रहे हैं. मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में वीपी सिंह की सरकार को भाजपा ने पूरा समर्थन दिया था, और देश का सदन इस बात का गवाह है. चुग ने कांग्रेस से अपने रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2014 में इस्तीफा देने वाली मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में “पूरे मंत्रिमंडल में मुश्किल से दो या तीन ओबीसी मंत्री थे.”वहीं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर “धुंधली दृष्टि या जानबूझकर विकृत दृष्टिकोण” के कारण मोदी सरकार की जातिगत जनगणना की स्पष्ट प्रतिबद्धता को न समझ पाने का आरोप लगाया.
त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक व्यापक जनगणना कराने का फैसला किया है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक और जातिगत मूल्यांकन शामिल होगा, जो स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा. “इसके बावजूद, कांग्रेस जानबूझकर सरकार के रुख को लेकर जनता को गुमराह कर रही है.”
सुधांशु त्रिवेदी ने जनगणना और सर्वेक्षण के बीच संवैधानिक अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि केवल केंद्र सरकार को ही जातिगत जनगणना करने का अधिकार है, जबकि राज्य केवल सर्वेक्षण कर सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस द्वारा तेलंगाना का उदाहरण देने की आलोचना की और कहा, “कांग्रेस को समझना चाहिए कि तेलंगाना में जो हो रहा है, वह सर्वेक्षण है, जनगणना नहीं. राज्य आधिकारिक जनगणना नहीं कर सकते उन्होंने कांग्रेस पर सामाजिक न्याय की पहल को ऐतिहासिक रूप से बाधित करने का भी आरोप लगाया, जिसमें 1951 में जवाहरलाल नेहरू के तहत जाति-आधारित जनगणना को रोकना और काका कालेलकर समिति की सिफारिशों को लागू न करना शामिल है.
मोदी सरकार की समावेशिता पर जोर देते हुए, त्रिवेदी ने कहा, “आज देश में सबसे ज्यादा ओबीसी मंत्री मोदी सरकार का हिस्सा हैं.” उन्होंने कांग्रेस शासित तेलंगाना सरकार के रिकॉर्ड पर सवाल उठाया और पूछा, “तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं?” त्रिवेदी ने कांग्रेस पर “परिवार पहले” की नीति अपनाने और जनता का विश्वास खोने के बाद भ्रामक रणनीतियों का सहारा लेने का आरोप लगाया. भाजपा के सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए त्रिवेदी ने कहा कि, “भाजपा और एनडीए सरकार का दृष्टिकोण है,’सबका साथ, सबका विकास,और सबका प्रयास सबका विश्वास. त्रिवेदी ने कहा, हमारा उद्देश्य है सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों का सम्मान और सबसे पिछड़ी जातियों का उत्थान है.”
