Desk: झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान मंईया सम्मान योजना को मास्टरस्ट्रोक माना गया था, लेकिन अब यही योजना सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. आए दिन इसमें गड़बड़ी से जुड़े मामलों ने योजना की स्तिथि बिगाड़ दी है. कभी खाते में पैसे आते है तो कभी नहीं.
प्रखंड कार्यालय पहुंचीं सैकड़ो महिलाए
झारखंड की उपराजधानी दुमका में बुधवार को सैकड़ो महिलाए प्रखंड कार्यालय पहुंचीं और सरकार से सवाल करने लगीं. महिलाओं का कहना है कि चुनाव से पहले मंईया सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2500 कर दी गई थी. सरकार बनने के बाद पहली किश्त सभी लाभुकों के खातों में आई, लेकिन होली से पहले कुछ महिलाओं को तीन महीने की राशि यानि 7500 मिली, जबकि कइयों को कुछ भी नहीं मिला. जिनको मिलना उनकी होली तो रंगीन हुई मगर जिनके खाते में पैसे नहीं आए वो अब भड़क उठी है.
तो आखिर ये भेदभाव क्यों?
अब तक जो आकड़े सामने आए है उसके मुताबिक दुमका जिले में 60,000 महिलाओं की राशि रोक दी गई है. स्टीटजी ऐसी है कि परेशान महिलाएं अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनका साफ कहना है कि अगर सम्मान राशि मिलती है तो सभी को मिले, नहीं तो किसी को नहीं.
अब सवाल ये है कि सरकार इस असंतोष को कैसे संभालेगी? अगर जल्द हल नहीं निकला तो मंईयां सड़क पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगी. और फिर सरकार के लिए इन आक्रोशित महिलाओं को संभालना मुश्किल हो जाएगा.
