देवघर: झारखंड के देवघर में विश्वप्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला समापन की ओर बढ़ रहा है। यहां बाबा बैद्यनाथधाम स्थित भगवान शंकर के ‘कामना ज्योतिर्लिंग’ पर 11 जुलाई से 6 अगस्त तक कुल 52 लाख 95 हजार 766 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया है। संभावना जताई जा रही है कि 9 अगस्त को मेले के समापन तक यह संख्या 65 लाख से ऊपर जा सकती है।
बिहार के सुल्तानगंज से शुरू होकर देवघर तक करीब 108 किलोमीटर लंबी इस पैदल यात्रा में कांवरियों की तादाद हर साल रिकॉर्ड तोड़ती है। इसे एशिया का सबसे लंबा मेला माना जाता है। इस बार भी झारखंड, बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के अलावा देश-विदेश से कांवरिए और श्रद्धालु पहुंचे। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे।
देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में राजकीय मेले से संबंधित ब्योरा साझा किया। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान बाबा मंदिर में नकद चढ़ावे से 7 करोड़ 36 लाख 44 हजार 295 रुपये की आमदनी हुई है, वहीं मंदिर प्रशासन की ओर से 10 ग्राम वज़न वाले 816 चांदी के सिक्के बेचे गए हैं।
मेला से जुड़े विभिन्न राजस्व स्रोतों की बात करें तो राज्य प्रवेश शुल्क से परिवहन विभाग को 2 करोड़ 3 लाख 77 हजार 775 रुपये की प्राप्ति हुई है। इसके अलावा राज्य कर मद से 953.75 लाख, नगर निगम को बस पड़ाव और अन्य व्यवस्थाओं से 40 लाख 51 हजार 200 रुपए, जबकि विद्युत विभाग को अस्थायी कनेक्शन से 58 लाख 35 हजार 900 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
मेले में पुलिसिंग की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। मेला क्षेत्र में एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, जिला पुलिस, झारखंड जगुआर, स्वान दस्ता, आंसू गैस दस्ता और रैपिड एक्शन फोर्स समेत कई विशेष बलों की तैनाती की गई है। भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरे सावन महीने में पूरी तरह बंद रखी गई है। मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की भी अनुमति नहीं दी गयी है।
