गोड्डा : भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुका हिस्ट्रीशीटर सूर्या हांसदा पुलिस मुठभेड़ में ढेर गोड्डा के ललमटिया इलाके में हुई मुठभेड़, रविवार को पुलिस ने किया था गिरफ्तार भाजपा के अलावा जेवीएम और जेएलकेएम के टिकट पर चार बार लड़ा था विधानसभा चुनाव 32 आपराधिक मामले दर्ज थे, मई में राजमहल परियोजना पर गोलीबारी में भी आया था नाम गोड्डा। झारखंड के गोड्डा जिले में माओवादी हिस्ट्रीशीटर और पूर्व भाजपा नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। यह मुठभेड़ बोआरीजोर थाना क्षेत्र के ललमटिया धमनी पहाड़ में सोमवार को हुई। सूर्या पर 32 आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई संगीन अपराधों में फरार था। पुलिस के अनुसार, सूर्या के पास से कई हथियार और खोखा बरामद हुए हैं। पुलिस कप्तान ने बताया कि सूर्या की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हथियार जब्त करने के लिए ललमटिया धमनी पहाड़ में छापेमारी की। वहां उनके गैंग के कुछ सदस्य पहले से मौजूद थे, जिन्होंने पुलिस पर हमला कर सूर्या को छुड़ाने की कोशिश की। इसी बीच सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। सूर्या हांसदा ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव का निवासी था। बीते 27 मई को ईसीएल (इस्टर्न कोलफील्ड्स लि) की राजमहल परियोजना के पहाड़पुर क्षेत्र में गोलीबारी की वारदात में भी सूर्या की संलिप्तता सामने आई थी। इस गोलीबारी में परियोजना के एक ऑपरेटर भी घायल हुआ था। साहिबगंज जिले में क्रशर मिल में ट्रक और टैंकर जलाने के मामले में भी सूर्या हांसदा के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। तीन साल पहले पुलिस ने उसे एक आपराधिक मामले में जेल भेजा था। हाल के महीनों में हुई वारदातों में सूर्या का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से छापेमारी कर रही थी। सूर्या हांसदा का राजनीतिक करियर सूर्या हांसदा अपराध की गली से राजनीति में कदम रखा था। उसका राजनीतिक सफऱ 2009 में शुरू हुआ था। उसने पहली बार झाविमो के टिकट पर बोरियो विधानसभा चुनाव लड़ा। 2014 में भी उसने इसी पार्टी से दोबारा चुनाव लड़ा। 2019 में उसने भाजपा के टिकट पर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 65 हजार से अधिक वोट मिले। 2024 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उसने जेएलकेएम के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनकी मां नीलमणि मुर्मू भी बोआरीजोर क्षेत्र से पूर्व जिप सदस्य रह चुकी हैं। मुठभेड़ पर सवाल सूर्या हांसदा की मौत के बाद मुठभेड़ की सच्चाई पर सवाल उठने लगे हैं। परिजन और राजनीतिक दल पुलिस की कार्रवाई को फर्जी मुठभेड़ बता रहे हैं। सूर्या की गिरफ्तारी के तुरंत बाद हुई यह मुठभेड़ संदिग्ध मानी जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि चार बार चुनाव लड़ने वाले नेता को मुख्यधारा में आने का मौका मिला था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई में कई संदेह हैं। इससे पहले सूर्या की गिरफ्तारी रविवार को हुई थी, और पुलिस पर उसके गिरोह को छुड़ाने की कोशिश का आरोप भी है
