बिरसा जैविक उद्यान में आई 12 फीट लंबी मेहमान
अलीपुर प्राणी उद्यान से लाई गई मादा जिराफ मिस्टी, बनेगी आकर्षण का केंद्र
रांची चिड़ियाघर में नई मेहमान,मादा जिराफ मिष्टी बढ़ायेगी बिरसा जू की रौनक
रांची: भगवान बिरसा जैविक उद्यान, रांची और प्राणी उद्यान अलीपुर, कोलकाता के बीच 7 अगस्त 2025 को हुए जीव आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत रांची में एक मादा उत्तरी जिराफ और सिल्वर फीजेंट का जोड़ा पहुंचा है।
इस मादा जिराफ का नाम ‘मिस्टी’ है, जिसकी उम्र छह वर्ष है। जिराफ का औसत जीवनकाल चिड़ियाघरों में लगभग 19 से 20 वर्ष और प्राकृतिक आवास में 17 से 18 वर्ष होता है। उत्तरी जिराफ मुख्यतः अफ्रीका के पूर्वी और मध्य भागों जैसे केन्या, दक्षिण सूडान, चाड, नाइजर और मध्य अफ्रीकी गणराज्य के कुछ संरक्षित क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जिराफ शाकाहारी होता है और चिड़ियाघरों में इसे विभिन्न वृक्षों की पत्तियां और घास खिलाई जाती है।
जैविक उद्यान के निदेशक जब्बर सिंह ने बताया कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम कई दिनों से लंबित था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि अगले चरण में नर जिराफ भी रांची लाया जाएगा।
मादा जिराफ की ऊंचाई 12 फीट से अधिक है, जिसके लिए 14 फीट ऊंचा विशेष बाड़ा तैयार किया गया था। ट्रेलर पर लादने के बावजूद इसकी कुल ऊंचाई 16-17 फीट थी। कोलकाता से रांची तक करीब 24 घंटे का सफर तय करते हुए इसे सुरक्षित लाया गया।
जिराफ के आगमन और सुरक्षित नाईट शेल्टर में प्रवेश के समय प्रमुख वन संरक्षक परितोष उपाध्याय उपस्थित थे। इस प्रयास में जैविक उद्यान के सहायक वन संरक्षक, पशु चिकित्सक दल, वन क्षेत्र पदाधिकारी, जीवविज्ञानी, वनरक्षक और कर्मचारियों के साथ अलीपुर प्राणी उद्यान के कर्मचारी भी शामिल थे।
आदान-प्रदान के तहत प्राणी उद्यान अलीपुर से मादा जिराफ और सिल्वर फीजेंट प्राप्त हुए, जबकि रांची से फिलहाल शुतुरमुर्ग भेजा गया है। अगले चरण में दरियाई घोड़ा, हिमालयन काला भालू और घड़ियाल का भी आदान-प्रदान किया जाएगा।
यह सहयोग वन्यजीव संरक्ष
