रांची : राज्यपाल ने राजधानी के महात्मा गाँधी मार्ग रांची में आयोजित ‘नमो दही-हांडी प्रतियोगिता’ एवं भजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े संदेशों पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का बाल्यकाल अन्याय, अधर्म और असत्य के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देता है। उन्होंने महाभारत में अर्जुन को दिए गए उपदेशों, जो भगवद्गीता के रूप में विश्वप्रसिद्ध हैं, का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्म ही धर्म है और सत्य के मार्ग पर चलने वाला कभी पराजित नहीं होता। युवाओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि युवा समाज और राष्ट्र की असली ताकत हैं। उन्होंने ‘दही-हांडी प्रतियोगिता’ में ऊँचाई तक पहुँचने के लिए आवश्यक सहयोग, धैर्य और परिश्रम की तुलना जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अनुशासन, एकता और दृढ़ संकल्प से की। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में चुनौतियाँ अनिवार्य हैं, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच से कोई भी बाधा अजेय नहीं रहती। उन्होंने युवाओं से बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और कठिन परिश्रम के साथ उन्हें प्राप्त करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व सभी को सत्य, प्रेम और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कामना की कि भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को धर्म के मार्ग पर चलने और अपने कर्तव्यों का पालन करने की शक्ति प्रदान करें। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल महोदय ने प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक और खेल आयोजनों से युवाओं में टीम वर्क, अनुशासन और परिश्रम की भावना विकसित होती है। इस अवसर पर कार्यक्रम में कई स्थानीय गणमान्य नागरिक, शिक्षक और युवा उपस्थित रहे। राज्यपाल ने सभी को प्रेरित करते हुए सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करने का संदेश दिया।
