पटना : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए राबड़ी देवी के भाई और पूर्व सांसद सुभाष यादव ने कहा कि लालू यादव ने किसी के दबाव में आकर तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकाला है. लालू यादव तेज प्रताप यादव को पार्टी से तो निकाल सकते हैं, लेकिन परिवार से नहीं निकाल सकते. ऐसा करने के लिए उन्हें न्यायालय जाना पड़ेगा. लालू यादव के साले सुभाष यादव ने आगे कहा, “बिहार की जनता को भ्रमित करने के लिए यह सब किया गया है. सुभाष यादव ने कहा कि तेज प्रताप यादव कि पहली शादी परिवार के लोगों ने जबरदस्ती करवाई थी. तेज प्रताप यादव शादी नहीं करना चाहते थे. लालू यादव, राबड़ी यादव और तेजस्वी यादव सभी इस साजिश में फसेंगे. यह यादव समाज की दो लड़कियों से जुड़ा हुआ मामला है, जिनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया है. मैं बेटियों के साथ हूं.
वहीं लालू यादव के विरोधी भी उन पर लगातार हमलावर हैं. बाजेपी का कहना है कि लालू प्रसाद यादव सार्वजनिक जीवन में अच्छे आचरण की दुहाई देते हुए अपने निजी फैसले की जानकारी दे रहे हैं, उनका इतिहास उनके आचरण से मेल नहीं खाता. जब वे सत्ता में थे, तब उनके और उनकी पत्नी के कार्यकाल में बिहार में जंगलराज था. चंपा विश्वास और शिल्पी जैन जैसी हजारों माताओं-बहनों के साथ जघन्य अपराध हुए और जितने भी अपराधी लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी थे, उनके परिवार से थे. उन्हें लालू प्रसाद यादव का संरक्षण प्राप्त था. आपको बता दें कि चुनावी साल में तेजप्रताप मामले को लेकर लालू यादव बुरे फंसे हैं. बीजेपी और जेडीयू को तो बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया, यहां तक परिवार से खफा चल रहे रिश्तेदार भी उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अब तेजप्रताप का ये पूरा मामला कहां तक खींचा जाएगा और चुनाव पर इसके क्या प्रभाव पड़ेंगे ये देखने वाली बात होगी.
