विस्थापित दर्जनों गांवों के ग्रामीण व प्रभावित लोगों के पक्ष में सांसद….
पाकुड़ : पचवारा सेंट्रल व नॉर्थ कोल ब्लॉक से विस्थापित दर्जनों गांवों के ग्रामीण व प्रभावित लोगों ने शुक्रवार की सुबह से बुनियादी सुविधाओं की मांग को ले कोयले की ढुलाई और खनन को ठप कर दिया है। विस्थापितों और प्रभावित ग्रामीणों के समर्थन में झामुमो के क्षेत्रीय सांसद विजय हांसदा के नेतृत्व में कोयला खुदाई व ढुलाई शाम 7:00 बजे खबर भेजे जाने तक ठप कर दिया है।
कोयले की ढुलाई के रास्ते पर लोगों ने लाल झंडी गाड़ कोल वाहक डंपरों को सड़क पर खड़ा कर दिया है। विस्थापित ग्रामीण रोजगार , शिक्षा, चिकित्सा,आवास , नियमित पेयजल व बिजली की आपूर्ति आदि तमाम नागरिक सुविधा बहाली के साथ-साथ फसल क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान करने की मांग पर बीजीआर व डीबीएल कोल कंपनी के खिलाफ अड़ गए हैं।
सेंट्रल व नॉर्थ कोल ब्लॉक के सभी गांवों के विस्थापित व प्रभावित ग्रामीण प्रधान मूर्मू के आवास पर सांसद विजय हांसदा की अगुवाई में बैठक की। विस्थापितों ने दोनों कोल कंपनियों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने एक-एक कर अपनी सामुहिक बुनियादी समस्या से अवगत कराया। सांसद को बताया कि उक्त दोनों ही कंपनियों ने कोल बीयरिंग एक्ट, आर ऐंड आर पॉलिसी का अनुपालन किया ही नहीं है।
बीजीआर ने न तो गांवों में गोचर जमीन की सुविधा दिया है न तो पूजा स्थलों की व्यवस्था किया है और न ही कब्रिस्तान ही बनवाया है। गांवों में सामुहिक तालाब भी नहीं खुदवाया है। एलआईसी की एक-एक लाख रुपए भी लंबित है। किसी भी प्रकार की ठोस आधारभूत संरचना का विकास विस्थापित हित में नहीं किया गया है। 2019 से डब्लूबीपीडीसीएल अथवा बीजीआर नॉर्थ कोल ब्लॉक का संचालन कर रही है लेकिन स्थानीय शिक्षित बेरोजगार ग्रामीणों को रोजगार के लिए ट्रांसपोर्टिंग से भी वंचित रखी हुई है।
सेंट्रल कोल ब्लॉक अंतर्गत पड़ने वाले गांवों के ग्रामीणों ने भी कमोबेस यही समस्या सांसद को सुनाया। बिशनपुर, सकलमा, लिट्टीपाड़ा, चिलगो, सिंगडेहरी के ग्रामीणों ने प्रदूषित पेयजल पीने सहित संबंधित कंपनी द्वारा शुद्ध पेयजल की स्थायी व्यवस्था अब तक नहीं कराए जाने, रोजगार के नाम सिर्फ भरोसा देने अथवा सात-आठ हजार प्रति माह पगार की नौकरी देने, फसल की क्षति-पूर्ति राशि का वर्तमान दर से भुगतान न करने, घटिया गिट्टी से आवास की ढलाई करने, महिलाओं को पत्ता-प्लेट निर्माण में समान पैसे न देने , बाहर पढ़ रहे बच्चों को स्टाइपेंड न देने सहित अन्य कई तकलीफें सांसद को सुनाया।
विस्थापितों की अंतहीन समस्यासों को सुनने के बाद सांसद ने सभा में उपस्थित बीजीआर के लाइजनिंग ऑफिसर सुमन राय तथा डीबीएल के लाइजनिंग मैनेजर पंकज द्विवेदी और लौगेस्टिक मैनेजर संजय सिंह चौहान को यह निर्देश दिया कि आप इन सभी समस्याओं को कंपनी के सक्षम अधिकारी तक एक निश्चित समय के अंदर पहुंचाएं।किसी भी हाल में इन तमाम समस्याओं का हल होना चाहिए, अन्यथा खादान बंद करा दिया जाएगा। शाम 7:00 बजे खबर भेजे जाने तक सांसद विजय हांसदा आलू बेड़ा गांव में डटे हुए हैं उनके साथ विस्थापित और प्रभावित ग्रामीण भी जमे हुए हैं।
कोल प्रबंधन के द्वारा विस्थापित और प्रभावितों द्वारा रखी गई मांग पर अब तक प्रबंधन द्वारा कुछ सकारात्मक पहल या जवाब नहीं दिया गया है। ग्रामीण रंजन मरांडी एवं सोनाराम हांसदा ने बताया कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक कोयले की ढुलाई और कोयले की खनन ठप रहेगी। इधर सांसद विजय ने कहा कि विस्थापित ग्रामीणों को बुनियादी सुविधा कोल प्रबंधन को उपलब्ध कराना होगा। विस्थापितों के साथ न्याय होना चाहिए जब तक विस्थापित और प्रभावित ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं होती है तब तक मैं इनके साथ में खड़ा रहूंगा।
