पटना: बिहार विधानसभा से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया और बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। इस अभियान के तहत चुनाव आयोग सभी मतदाताओं की गहन समीक्षा कर अवैध मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से हटाते हुए नए वोटरों को जोड़ेगा। चुनाव आयोग के इस अभियान को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और चुनाव आयोग पर भाजपा-जदयू को गलत तरीके से फायदा पहुँचाने का आरोप लगा रहा है। शुक्रवार को विपक्षी दलों ने राजधानी पटना में एक संयुक्त प्रेस वार्ता किया।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा जदयू पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता पुनरीक्षण कार्य साजिश के तहत की जा रही है। इस समय गरीब और किसान अपने खेतों में काम में लगे हुए हैं ऐसे में नए वोटर कैसे जुड़ पाएंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने जिन कागजातों की मांग की है वह भी सभी मतदाताओं के पास उपलब्ध नहीं है। भाजपा का एक ही उद्देश्य है कि किसी भी तरह से संविधान को बदलें और यही वजह है कि बिहार में गलत तरीके से एक बड़े समुदाय को सरकार मतदान से वंचित करना चाहती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस के एक बड़े नेता ने आज भी संविधान बदलने की बात कही है। तेजस्वी ने कहा कि तीन ऐसे उम्र समूह हैं जिन्हें अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी तब वे मतदाता बने रह सकेंगे। एक समूह 18 से 20 वर्ष का है जिन्हें अपने माता पिता की नागरिकता साबित करनी होगी और उन्हें अपने माता पिता का जन्मस्थान भी बताना होगा। वहीं दूसरा समूह 20 वर्ष का है उन्हें भी अपनी नागरिकता साबित करनी होगी जबकि 39 से 40 वर्ष उम्र समूह की 4 प्रतिशत आबादी है जिन्हें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। आज के समय में अधिकतम लोगों के पास स्थायी दस्तावेज नहीं है ऐसे में उम्मीद है कि मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के नाम पर लोगों का अधिकार छीनने की कोशिश है । तेजस्वी यादव ने कहा कि आज के समय में अधिकतम लोगों के पास स्थायी दस्तावेज नहीं हैं। इससे साबित होता है कि सरकार खास वर्ग के लोगों से मतदान का अधिकार छीनना चाहती है। अगर वास्तव में सरकार को यह काम करना था तो लोकसभा चुनाव के बाद किया जा सकता था लेकिन जब विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे समय में यह करना सरकार की मंशा साबित करती है। बिहार की जनता सारी साजिशों को समझ रही है और वह बिहार की मौजूदा सरकार को जवाब जरुर देगी। हम चुनाव आयोग से सही डाटा की उम्मीद रखते हैं। तेजस्वी ने कहा कि अगर 2 महीने में वोटर जोड़ने घटाने का काम किया जा सकता है तो फिर जातिय जनगणना भी करवाई जा सकती है। बिहार की जनता का मूड देख कर सत्ताधारी दलों को यह अहसास हो गया है कि वे इस बार चुनाव में बुरी तरह से हरने वाले हैं।
