भाजपा अब आदिवासियों को आपस में लड़ाना चाहती है – लेकिन झारखंड की एकता को नहीं तोड़ पाएगी
भाजपा की राजनीति नफरत की फसल है – झारखंड में न हिंदू-मुसलमान चलेगा, न आदिवासी को तोड़ने की साजिश
रांची ; हूल दिवस जैसे ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन पर जब पूरा झारखंड सिद्धू-कान्हू की शहादत को श्रद्धांजलि दे रहा था, उसी समय भोगनाडीह में भाजपा द्वारा की गई शर्मनाक हरकत ने यह साबित कर दिया कि भाजपा को न तो आदिवासियों से कोई लगाव है, और न ही उनके बलिदान का सम्मान। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा की”भाजपा के लोग आज भोगनाडीह पहुंचे, लेकिन श्रद्धांजलि देने नहीं बल्कि माहौल को बिगाड़ने और आदिवासियों के बीच फूट डालने के इरादे से! ये वही सोच है जिसने कभी जल-जंगल-जमीन छीना था और आज फिर उसी पर हमला कर रही है।”मंत्री ने आगे कहा की “ये बहुत साफ हो चुका है कि भाजपा आदिवासियों की दुश्मन पार्टी है।जब हिन्दू-मुसलमान को लड़ा कर सत्ता नहीं मिली,तो अब आदिवासियों को आपस में लड़ाने की साजिश हो रही है ।लेकिन मैं भाजपा को साफ शब्दों में चेतावनी देता हूँ . आपका कोई भी षड्यंत्र अब झारखंड में सफल नहीं होने वाला।”डॉ. अंसारी ने कहा कि इस घटना के पीछे कौन-कौन था, मैं जल्द ही सबका पर्दाफाश होगा यह सिर्फ एक हंगामा नहीं था, यह एक सुनियोजित हमला था झारखंड की एकता पर, सिद्धू-कान्हू की विरासत पर, और हेमंत सरकार की स्थिरता पर बीजेपी को बेचेन है मंत्री ने अंत में दो टूक कहा की “मैं भाजपा को सीधी चेतावनी देता हूं की जितना जोर लगाना है लगा लो,लेकिन झारखंड की ज़मीन पर अब आदिवासी अस्मिता और अल्पसंख्यकों की एकता को कोई नहीं तोड़ सकता . हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार हर धर्म और समाज के लोगों को साथ लेकर विकास की राह पर चल रही है।
