दुमका : इन दिनों संताल परगना प्रमंडल की सियासत की हॉट टॉपिक हो गई है . इसकी शुरुआत पूर्व सीएम सह भाजपा के दिग्गज नेता रघुवर दास ने की. रही सही कसर नेता प्रतिपक्ष सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूरी कर दी. जब विपक्ष आक्रामक हो तो भला सत्ता पक्ष कैसे शांत रह सकता है. जबाबी पारी खेलने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश संगठन सृजन कार्यक्रम के बहाने 26 जून से 5 दिवसीय संताल परगना प्रमंडल के दौरे पर आने वाले है. इतना ही नहीं 30 जून को हूल दिवस के बहाने पक्ष और विपक्ष के नेताओं का जमघट भोगनाडीह में लगेगा. राजनीतिक बयानबाजी तेज होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. सबके केंद्र में सिदो कान्हु और उनके वंशज है. संथाल परगना को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है, लेकिन झामुमो की सहयोगी कांग्रेस भी इस क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कवायद में जुट गए हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के. राजू, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव सहित सभी प्रदेशस्तरीय नेता 26 से 30 जून तक संथाल में रहेंगे. इस दौरान देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा और साहिबगंज में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे, साथ ही पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए जिला से पंचायत स्तर तक के पदाधिकारियों और पर्यवेक्षकों के साथ बैठकें होंगी वर्ष 2014 से 2019 तक जब रघुवर दास झारखंड के सीएम थे तो उनका सबसे ज्यादा दौरा संताल परगना प्रमंडल का होता था. पुराने अंदाज में रघुवर, जनचौपाल के बहाने लगे जनता का नब्ज टटोलने सक्रिय राजनीति में दोबारा कदम रखने के बाद पूर्व सीएम रघुवर दास पुराने तेवर में नजर आ रहे है. जगह जगह जन चौपाल के माध्यम से जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में लगे है. प्रमंडल और जिला का दौरा कर कार्यकर्ताओं से मिल रहे है. संगठन की वास्तविक स्थिति को समझने के साथ पार्टी के अंदर की गुटबाजी को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं. झामुमो ने कहा वे सफल नहीं होंगे. संथाल की जनता झामुमो, शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से प्यार करती है.’ कांग्रेस के आगामी कार्यक्रमों पर टिप्पणी करते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘जब तक कांग्रेस झामुमो के साथ है, तब तक संथाल की जनता कांग्रेस के साथ खड़ी रहेगी.’
