रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राजधानी रांची सहित झारखंड के अन्य प्रमुख शहरों में यातायात को सुगम और आधुनिक बनाने की दिशा में तीन महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं में फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। इससे अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़, करमटोली मोराबादी से साइंस सिटी और रांची रेलवे स्टेशन के पीछे से एयरपोर्ट तक है । मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाकर इन परियोजनाओं को जल्द शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने रांची की तरह दूसरे शहरों में भी ट्रैफिक सुधारने के उपाय करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की इन परियोजनाओं की प्रस्तुति देखने के बाद स्वीकृति दी। इन परियोजनाओं से रांची शहर में ट्रैफिक की समस्या कम होगी। पहली परियोजना अरगोड़ा चौक से वाया कटहल मोड़ चापू टोली तक एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने की है। यातायात को सुगम बनाने के लिए अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ होते हुये चापू टोली तक लगभग 1.75 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर का निर्माण किया जायेगा। फ्लाई ओवर की चौड़ाई जहां 10 मीटर होगी वहीं पहले से नीचे जा रहे सड़क को भी 7 मीटर चौड़ा किया जायेगा। इससे इस मार्ग पर दोहरी सुविधा मिल जायेगी। सड़क के दोनो तरफ ड्रेन, यूटिलीटी डक्ट रहेगा। नीचे की सड़क का सौदंर्यीकरण किया जायेगा। साथ ही उपर फ्लाईओवर पर पूरी तरह प्रकाश की व्यवस्था रहेगी। दोनो किनारों पर न्वायज कैरियर ( रेलिंग ) भी रहेगा। राजधानी को व्यस्त यातायात से मुक्त कराने के लिए करमटोली चौक से मोराबादी होते हुये साइंस सिटी तक 2.2 किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाया जायेगा। इसके लिए खाका तैयार कर लिया गया है। इस फ्लाई ओवर की चैडाई उपर 10 मीटर एवं नीचे सड़क की भी चैड़ाई 10 मीटर होगी। साइंस सिटी के आगे रिंग रोड तक फोर लेन सड़क बनायी जायेगी। इसकी लंबाई 5 किलोमीटर से अधिक है। रांची रेलवे स्टेशन के पीछे प्लेटफार्म नंबर पांच की ओर से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट तक वैकल्पिक फोर लेन सड़क बनायी जायेगी।इसमे 800 मीटर का एलिवेटेड रोड भी शामिल रहेगा। यह सड़क कुल 4.7 किलोमीटर की होगी। इसके बन जाने से एक तो एयरपोर्ट जाने के लिए एक और द्रुतगति यातायात वाली वैकल्पिक सड़क मिल जायेगी, दूसरे एचईसी, हटिया, बिरसा चौक, हीनू, डोरंडा के लोग ओवरब्रिज पार कर रांची रेलवे स्टेशन जाने के लंबी दूरी से बच कर वैकल्पिक नये मार्ग से स्टेशन जल्दी पहुंच जायेंगे। यह परियोजना रांची शहर के अंदरूनी भागों में जैसे कि रांची रेलवे स्टेशन-जगजीवन पथ-डोरंडा-हिनू क्षेत्रों में ट्रैफिक दबाव को कम करेगी और यात्रियों को सुलभ और तेज मार्ग प्रदान करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत 0.8 किमी के एलिवेटेड सेक्शन और 3.87 किमी के चार लेन सड़क के निर्माण का प्रस्ताव है। साथ ही, इसमें गेतलजोरी नदी के किनारे पर 1.085 किमी के क्षेत्र में तटीय संरक्षण, सोलर पैनल, प्लास्टिक ट्रैक और साइकिल लेन जैसे आधुनिक प्रावधानों को भी शामिल किया गया है। जमशेदपुर के सिटी सेंटर से बिष्टुपुर होते हुए वर्कर्स कॉलोनी को जोड़ने वाली 2.54 किमी लंबी एलिवेटेड फ्लाईओवर परियोजना पर भी चर्चा हुई। डालटनगंज से गढ़वा रोड तक एक वैकल्पिक कॉरिडोर के रूप में एलिवेटेड डेक कनेक्शन के लिए दो प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक समस्या और पुराने मार्गों पर भीड़ को ध्यान में रखते हुए चारों दिशाओं— गढ़वा रोड, विश्रामपुर, DVC और सरगुजा — से जोड़ने वाला एक गोलाकार एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधीन आने वाले ट्रांजिशन पॉइंट्स, विशेष रूप से रामगढ़ चौक, फोरेस्ट, डालटनगंज और बरकाकाना जैसे स्थानों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि एनएचएआई के साथ समन्वय स्थापित कर इन सभी ट्रांजिशन पॉइंट्स पर फिजिकल ऑडिट और सुरक्षा मापदंडों का तत्काल पालन सुनिश्चित किया जाए। राज्य सरकार की इन सड़कीय परियोजनाओं से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा, बल्कि यह परियोजनाएं झारखंड के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होंगी। इनका समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए परियोजनाओं की निरंतर निगरानी और समीक्षा का आदेश भी दिया है। इन परियोजनाओं के जरिए राज्य को न सिर्फ बेहतर कनेक्टिविटी मिलने वाली है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार, निवेश और शहरीकरण के नए द्वार भी खुलेंगे।
