दिल्ली ; कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बिना उन पर तीखा हमला किया और कहा कि वोट की चोरी कर सत्ता में बैठे लोगों को सीट छोड़नी चाहिए। श्री खरगे ने वोट चाेरी तथा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में संसद भवन परिसर में सांसदों के प्रदर्शन में शामिल होने के के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया और श्री मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि ‘वोट चोर गद्दी छोड़’। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “वोट चोर-गद्दी छोड़। इंडिया गठबंधन का आज संसद में एक बार फिर प्रदर्शन।” लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चाेरी का आरोप लगाया है जिसको लेकर इंडिया गठबंधन के 300 से ज्यादा सांसदों ने सोमवार को संसद से निर्वाचन कार्यलय तक मार्च किया। इस दौरान सैकड़ों सांसदों को हिरासत मे लिया गया था। संसद भवन परिसर में मंगलवार को इंडिया गठबंधन के विभिन्न दलों के सांसदों के साथ ही कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, द्रमुक टी आर बालू, राजद के मनोज झा सहित नेता शामिल हुए। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। एक व्यक्ति एक वोट संविधान की नींव है। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह एक व्यक्ति एक वोट को लागू करे लेकिन उन्होंने अपना काम नहीं किया। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं और लगातार करते रहेंगे। एक केस 124 साल की मिंता देवी का है, ऐसे बहुत सारे मामले हैं। अभी तो पिक्चर बाकी है।” [7:29 pm, 12/8/2025] Ajay Kr: सजा की अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद दोषी को रिहा करें: सुप्रीम कोर्ट नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि कोई दोषी व्यक्ति सजा की निर्धारित अवधि पूरी करने के बाद भी जेल में बंद है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे तत्काल रिहा किया जाए। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को रिहा करने का आदेश देते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि यादव ने इस साल मार्च में बिना किसी छूट के 20 साल की सजा पूरी कर ली है। पीठ ने इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को निर्देश दिया कि वे यह पता करें कि कोई दोषी व्यक्ति सजा की निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद तो नहीं है। यदि कोई दोषी व्यक्ति किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है और निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद हैं तो जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे शीघ्र रिहा किया जाए।
