रांची। कुड़मियों-कुरमियों को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग पर रविवार को रांची में आदिवासी संगठनों ने जोरदार ढंग से विरोध दर्ज कराया। विरोध स्वरूप मोरहाबादी मैदान से हरमू बाइपास-अरगोड़ा चौक-बिरसा चौक और हिनू होते हुए मेन रोड-अलबर्ट एक्का चौक तक मोटरसाइकिल जुलूस निकाला गया। आयोजन आदिवासी अस्तित्व बचाओ मोर्चा ने किया, जबकि अगुवाई केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने की।
उन्होंने कहा कि कुरमी समुदाय फर्जी तरीके से आदिवासी बनकर आरक्षण पर कब्जा करना चाहता है। कुरमी समुदाय मुख्यधारा के हिंदू रीति-रिवाज को अपनाता है। किसी भी हालत में कुरमियों को आदिवासी बनने नहीं देंगे। यदि कुरमी समाज रेल रोककर दबाव बनाता है तो आदिवासी समाज हवाई जहाज रोककर अपना विरोध दर्ज कराएंगा। आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि कुरमी समाज जबरन आदिवासी बनने की साजिश कर रहा है।
अलबिन लकड़ा ने कहा कि आदिवासी जन्म से आदिवासी होता है, किसी को जबरन बनाने से आदिवासी नहीं हो सकता। राहुल उरांव ने कहा कि कुड़मियों का सामाजिक-सांस्कृतिक-धार्मिक ढांचा मुंडा, संताल, उरांव जैसे आदिवासियों से अलग है। कुरमियों की मांग को टीआरआई ने भी नकार दिया है। प्रवीण कच्छप ने कहा कि आदिवासियों को एकजुट होकर कुरमियों का विरोध करना चाहिए। उनकी मांग नाजायज है, जबकि वे खुद को शिवाजी का वंशज बोलते हैं। मौके पर रूपचंद केवट, बिगलाहा उरांव, सुभानी तिग्गा, गैना कच्छप, अमित गाड़ी, उतवा उरांव, मनीष तिर्की, नवीन तिर्की, कैलाश तिर्की, मनोज उरांव, सूरज टोप्पो सहित अन्य मौजूद थे।
