बिहार:भागलपुर सहित पूरे बिहार की करीब 2.40 लाख विद्यालय रसोइयों को दिवावली – छठ जैसे बड़े त्यौहार के मौके पर भी पिछले 2 माह का बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया जाना अत्यंत निन्दनीय है। ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि सरकार ने दीपावली – छठ पर्व के अवसर पर राज्य में कार्यरत कर्मियों का वेतन/मानदेय का भुगतान त्यौहार से पूर्व करने का आदेश दिया था किन्तु मात्र 1650/- रु. के मामूली मासिक मानदेय पर कार्यरत सरकारी स्कूलों के रसोइयों को पिछले दो माह के मानदेय का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। दीपावली – छठ जैसे बड़े त्योहार के अवसर पर भी गरीब रसोइयों को मानदेय का भुगतान नहीं किया जाना, नीतीश भाजपा सरकार की घोर लापरवाही है। उन्होंने डबल इंजन की नीतीश भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का काम सिर्फ विज्ञापन, प्रचार – प्रसार व सरकारी कागजी आदेश तक सिमट गया है। वास्तव में सरकारी आदेश व निर्णय के बावजूद काम तो उच्च अधिकारियों के मनमर्जी के अनुसार ही हो रहा है। उन्होंने सभी विद्यालय रसोइयों को अविलम्ब सितम्बर व अक्टूबर 2 माह का बकाया मानदेय का भुगतान करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार इस बात का हवाला देकर रसोइयों के साथ अन्याय नहीं कर सकती कि केन्द्र ने पैसे नहीं दिए इसलिए राज्य सरकार रसोइयों को 2 माह का बकाया मानदेय नही देगी। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि मध्याह्न भोजन योजना की रीढ़ विद्यालय रसोइयों के साथ वह इतना बड़ा अन्याय कैसे कर सकती है? उन्होंने विद्यालय रसोइयों के बीच कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्णय को ढकोसला बताया और कहा कि कभी प्रशिक्षण, कभी प्रतियोगिता की बजाय सरकार रसोइयों के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करे व नियमित भुगतान सुनिश्चित करे। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि भागलपुर सहित राज्य की 2.40 लाख विद्यालय रसोइया को अविलम्ब अगर पिछले 2 माह का बकाया मानदेय भुगतान नहीं किया गया तो त्योहार खत्म होने के बाद बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) सड़कों पर उतर आन्दोलन तेज करेगी।
