पाकुड़ : सत्यानंद महाराज रविवार को पांच दिवसीय प्रवास पर पाकुड़ पहुंचे। मिली जानकारी के मुताबिक श
सत्यानंद महाराज बिहार के बक्सर जिला के छोटका राजपुर से सड़क मार्ग होकर पांच दिवसीय प्रवास में पाकुड़ पहुंचे। पाकुड़ पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। उनके स्वागत के लिए सैंकड़ों की संख्या में भक्त मौजूद थे। इस दौरान भक्तों में उत्साह और खुशी देखने को मिला। सत्यानंद महाराज पाकुड़ स्थित ब्रह्मा विद्यालय एवं आश्रम पहुंचे। भक्तगण सुबह से ही उनके अभिनंदन के लिए उत्साहित थे। उनके इंतजार में सैंकड़ों की संख्या में भक्त सदर प्रखंड अंतर्गत शहरकोल में मौजूद थे ।
जब सत्यानंद महाराज पाकुड़ पहुंचे, सभी भक्तों ने 108 स्वामी सत्यानंद महाराज परमहंस के जयकारे के नारा लगाते हुए मोटरसाइकिल से उनके साथ आश्रम तक पहुंचे। आश्रम पहुंचते ही उनका दर्शन पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं भक्तों के द्वारा गाजे – बाजे के साथ महाराज का भव्य स्वागत किया गया। मौके पर आदिवासी समाज की युवतियों ने उनका आदिवासी परंपरा अनुसार अभिवादन नृत्य पेश कर स्वागत किया। वहीं सैंकड़ों की संख्या में भक्तजन उनका दर्शन पाने के लिए आतुर थे। महाराज के आने की खुशी में भक्तों ने इस दौरान डांडिया भी प्रस्तुत कर आपस में खुशी का इजहार किया। महात्मा ओंकारानंद ने बताया कि सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एवं संध्या में 6:00 बजे से 8:00 बजे तक सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया।
यह भी जानकारी मिली कि सत्यानंद महाराज 12 दिसंबर तक प्रवास पर रहेंगे और तब तक सत्संग का भी आयोजन होता रहेगा। रविवार को पहला दिन ही दर्शन के बाद 1:00 बजे से परमहंस दयाल संकीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें छोटका राजपुर से पधारे कीर्तनिया दल ने संगीतमय प्रस्तुति दी। वहीं 9 दिसंबर को रात्रि में भोजपुर जिला के प्रख्यात गायक जियालाल ठाकुर के द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अंतिम दिन 12 दिसंबर की संध्या में स्वामी महाराज की आरती तथा भंडारा का आयोजन किया जाएगा । इस दौरान आयोजकों की ओर से अपील किया गया है कि भक्त वृंद स्नेह पूर्वक महाराज के प्रवास कार्यक्रम में शामिल होकर आशीर्वाद लें। दरबार से पाकुड़ के भक्तों का जुड़ाव बहुत ही पुराना है। भक्तों पर उनकी कृपा सदैव से रही है। यह हमारा परम कर्तव्य है कि स्वामी जी महाराज की पाकुड़ प्रवास में हम यथासंभव मालिक के सत्संग का लाभ उठाएं तथा सेवा करें। उनके साथ महात्मा व्यासानंद, संपूर्णानंद , शब्द योगा नंद ओमकारा नंद , निर्मल प्रकाशा नंद सहित कई महात्मा आए है।
