प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 117वीं मन की बात कार्यक्रम को पाकुड़ जिले के बूथों पर कार्यकर्त्ताओं ने सुना

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पाकुड़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम को पाकुड़ जिले के बूथों पर कार्यकर्त्ताओं ने सुना,भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने पाकुड़ विधानसभा के बूथ संख्या 406 में सुना। इस कार्यक्रम को पाकुड़ नगर अध्यक्ष सोहन मंडल, बीचामहल मंडल अध्यक्ष धनेश्वर साह, गंधाईपुर मंडल अध्यक्ष मनोरंजन सरकार,दादपुर मंडल अध्यक्ष सुशांत घोष, नबीनगर मंडल अध्यक्ष मानसा तुरी,हिरणपुर मंडल अध्यक्ष सुकुमार मंडल, अमड़ापाड़ा मंडल अध्यक्ष आशीष हेंब्रम , पाकुडिया मंडल अध्यक्ष विजय भगत, बीरकिट्टी मंडल अध्यक्ष फूल बाबू कोड़ा,महेशपुर मंडल अध्यक्ष सुखेन घोष, कैराछतर मंडल अध्यक्ष गौतम पाल के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने बूथों पर सुना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 117वीं कड़ी और इस साल के अंतिम ‘मन की बात’ में रविवार को लोगों से आह्वान किया कि वे संविधान के बारे में जानें और उत्साह से उससे जुड़ें। उन्होंने कहा, “2025 अब दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, और इस नए साल में हम एक ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। 26 जनवरी 2025 को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। यह हमारे लिए गर्व और उत्साह का अवसर है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से की खास अपील
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान, जो हमारे देश के लोकतंत्र की नींव है, समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें ऐसा दस्तावेज दिया, जो हर भारतीय का मार्गदर्शक बना हुआ है। यह संविधान ही है जिसने हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया। यह भारत का संविधान ही है, जिसकी वजह से मैं आज यहां हूं और आपसे बात कर पा रहा हूं। इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर एक साल तक चलने वाली गतिविधियों की शुरुआत की गई है। देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए एक खास वेबसाइट कांस्टीट्यूशन 75.कॉम बनाई गई है। इस वेबसाइट पर आप संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं, अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, और अलग-अलग भाषाओं में संविधान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। मेरा विशेष आग्रह है कि स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं इस वेबसाइट पर जरूर जाएं और इसका हिस्सा बनें।

अगले महीने प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। संगम के तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। कुछ ही दिनों पहले जब मैं प्रयागराज गया था, तो हेलिकॉप्टर से कुंभ क्षेत्र का विहंगम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया। इतना विशाल, इतना सुंदर, इतनी भव्यता! महाकुंभ की विशेषता इसकी विविधता में है। करोड़ों लोग एकत्रित होकर इस आयोजन को भव्य बनाते हैं। इसमें लाखों संत, हजारों परंपराएं, और सैकड़ों संप्रदाय हिस्सा लेते हैं। कुंभ में हर व्यक्ति समान होता है, और विविधता में एकता का ऐसा अनुपम उदाहरण दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। महाकुंभ के इस संदेश को लेकर जब हम वापस लौटें, तो समाज में विभाजन और विद्वेष को समाप्त करने का संकल्प भी लें।

उन्होंने कहा कि गंगा की अविरल धारा की तरह, हमारा समाज भी अविभाज्य और अखंड होना चाहिए। इस बार महाकुंभ में श्रद्धालु डिजिटल महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे। डिजिटल नेविगेशन की मदद से आपको घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक पहुंचने का रास्ता मिलेगा। पहली बार कुंभ में एआई चैटबॉट का प्रयोग होगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में जानकारी देगा। एआई-पावर्ड कैमरों से पूरा कुंभ क्षेत्र कवर किया जाएगा, ताकि यदि कोई व्यक्ति बिछड़ जाए, तो उसे तुरंत खोजा जा सके।

मन की बात में बच्चों की पसंदीदा एनीमेशन सीरीज ‘KTB – भारत हैं हम’ की भी चर्चा करना जरूरी है। यह सीरीज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनसुने नायकों की कहानियां बच्चों को रोचक अंदाज में सुनाती है। हाल ही में इसका दूसरा सीजन गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में लॉन्च किया गया। यह सीरीज भारत की कई भाषाओं और विदेशी भाषाओं में भी उपलब्ध है। हमारी फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के सामने ला रही है। इस साल हम फिल्म जगत की कई महान हस्तियों की 100वीं जयंती मना रहे हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। राज कपूर, रफ़ी साहब, अक्किनेनी नागेश्वर राव, और तपन सिन्हा जैसी हस्तियों का योगदान प्रेरणा का स्रोत है।

 

दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रकाश फैल रहा है। मिस्र के विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें देवी-देवता, नृत्य कलाएं, और ताजमहल शामिल हैं। दक्षिण अमेरिका के पराग्वे में एक इंजीनियर एरिक ह्युबर भारतीय आयुर्वेद का प्रचार कर रहे हैं। वहीं, फिजी में तमिल भाषा सिखाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह हमारे सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर की वैश्विक लोकप्रियता का प्रतीक है।

भारत, जो विविधता और एकता का प्रतीक है, अपनी सांस्कृतिक, भाषाई और खेल की धरोहर के माध्यम से दुनिया को प्रेरित कर रहा है। हमारे देश की यही विशिष्टता हमें गौरवान्वित करती है। तो आइए, इस नए साल में एकता, प्रगति, और समृद्धि का संकल्प लें।

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Author: kelanchaltimes

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