पाकुड़ : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश – प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को शमीम शेख की हत्या करने का दोषी पाकर उसकी दूसरी पत्नी यासमीन बीवी और उसके प्रेमी सिपाही नंदकिशोर सिन्हा को आजीवन कारावास एवं एक लाख से अधिक राशि का जुर्माना किया गया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर दोनों को अतिरिक्त 1 साल तक जेल में ही रहना पड़ेगा। दोनों को अन्य पांच धाराओं में भी जेल की सजा एवं जुर्माना की गई है। मृतक शमीम शेख महेशपुर थाना क्षेत्र के भिरकिटी गांव का निवासी था और सिपाही जिले का पुलिस बल है। इस घटना में शामिल जासमीन बीबी के पहले पति का नाबालिक बेटा भी शामिल था। उसे नाबालिग होने का लाभ मिल गया।
इस मामले में यासमीन बीवी ने महेशपुर थाना में 25 मई 2010 को एक झूठा मुकदमा थाना कांड संख्या 40/2010 दायर की थी। इसका खुलासा पुलिस ने अपनी छानबीन में किया। इसके अनुसार यह मामला जमीन विवाद को लेकर था। इसमें कहा गया है कि आधी रात को यासमीन अपने परिवार के साथ एक कमरे में सोई थी। काफी गर्मी के कारण दरवाजा खुली हुई थी। इसी बीच रकीबुल शेख एवं नईम शेख तथा अन्य पांच लोग वहां आए और सोए हुए लोगों के ऊपर तेजाब फेंक कर भाग निकले। वह भागते लोगों के पीछे दौड़ी, लेकिन किसी को पकड़ नहीं सकी। उसने कहा है कि उनके पति के ऊपर अधिक तेजाब फेंका गया था। इसलिए उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। उसे तत्काल मुरारोई के एक अस्पताल में ले जाया गया। फिर वहां से उसे रामपुरहाट के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन वहां उनकी मौत हो गई। वहीं पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि वह तेजाब यासमीन बीवी के प्रेमी सिपाही नंदकिशोर सिन्हा ने फेंका था। इसमें यासमीन का नाबालिक लड़का भी शामिल था।
न्यायालय ने इन दोनों को दो धाराओं में आजीवन कारावास तथा 100000 एवं 50000 रुपया जुर्माना किया हैl राशि नहीं देने पर उसे और एक साल जेल में रहना पड़ेगा। एक धारा में दोनों को 5 साल की सजा एवं 10000 हजार जुर्माना, एक अन्य धारा में दस साल की सजा एवं 20000 हजार रुपया जुर्माना किया गया है।
