धनबाद, 31 मार्च 2025: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड के धनबाद में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के मुगमा क्षेत्रीय कार्यालय में सोमवार को अचानक छापेमारी की। इस कार्रवाई में खुदिया कोलियरी के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) क्लर्क अरविंद राय को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने इस मामले में तीन अन्य कर्मचारियों – शंकर चौहान (पीएफ क्लर्क), शीतल बाउरी (डिस्पैच विभाग), और अजय कुमार मंडल को भी हिरासत में लिया है।
शिकायत पर बिछाया जाल
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कार्रवाई एक गुप्त शिकायत के आधार पर की गई। शिकायत में आरोप था कि ईसीएल के ये कर्मचारी पीएफ से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए नियमित रूप से रिश्वत मांगते थे। जांच एजेंसी ने सूचना की पुष्टि के बाद जाल बिछाया और अरविंद राय को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। छापेमारी के बाद चारों संदिग्धों को मुगमा गेस्ट हाउस ले जाया गया, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
तलाशी और सबूत जुटाने में जुटी टीम
सीबीआई की टीम ने कार्यालय परिसर के साथ-साथ संदिग्धों के आवासों पर भी तलाशी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन का मकसद भ्रष्टाचार से जुड़े और सबूत इकट्ठा करना है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रिश्वतखोरी का यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था, जिससे कर्मचारियों और ठेकेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
भ्रष्टाचार पर सख्ती का संदेश
ईसीएल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस घटना ने संगठन के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। पिछले कुछ महीनों में झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई और अन्य एजेंसियों की कार्रवाइयाँ तेज हुई हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह छापेमारी सरकारी संस्थानों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम है।
आगे की कार्रवाई
सीबीआई ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सभी सबूतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही मांग की है कि भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचा जाए। यह घटना कोयला क्षेत्र में सुशासन के लिए चुनौतियों को फिर से रेखांकित करती है।
