भागलपुर: नागरिक विकास समिति (सामाजिक संस्था) द्वारा अंगार परिसर में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था “संविधान निर्माता डॉ० भीमराव अंबेडकर के विचार, आज भी पूर्ण रूप से प्रासंगिक हैं वं समाज हित में है”। कार्यक्रम की अध्यक्षता नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष रमन कर्ण ने की।
संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान एक “श्रेष्ठ संविधान” है, जो मानवाधिकारों की पूर्ण रूप से रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में आवश्यकतानुसार संशोधन की प्रक्रिया भी उपलब्ध है। वक्ताओं ने संविधान निर्माता डॉ० भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि उनके विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं और समाज के हित में हैं।
वक्ताओं ने आगे कहा कि आज समाज में लोग बराबरी और समानता के साथ जीवन जी रहे हैं, और इसका श्रेय मुख्य रूप से डॉ० आंबेडकर की सोच और उनके द्वारा किए गए कानूनी प्रावधानों को जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि डॉ० आंबेडकर हमेशा सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए चिंतित रहते थे, और समाज तथा सरकार को उनके सिद्धांतों पर चलते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
संगोष्ठी में यह विचार भी व्यक्त किया गया कि आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को आरक्षण के दायरे से बाहर रखने पर विचार किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में नागरिक विकास समिति के सचिव सतनारायण प्रसाद, रमन शाह, आनंद श्रीवास्तव, मनोज सिंह, संतोष कुमार, नीरज जायसवाल, नरेश शाह, रमन कर्ण, श्रीमती रत्ना गुप्ता एवं प्रशांत राय सहित कई सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
रमन कर्ण, अध्यक्ष नागरिक विकास समिति ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और करोड़ों लोगों के अंदर बाबा साहब जिंदा हैं।
