भागलपुर: दलितों, अतिपिछड़ों और वंचित समुदायों की महिलाओं पर लगातार बढ़ रही सामंती हिंसा के विरोध में भाकपा माले और ऐपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन) ने आज भागलपुर में एक न्याय मार्च निकाला। डॉ. अम्बेडकर की जयंती पर शुरू किए गए ‘संविधान – आजादी – न्याय सुरक्षा सप्ताह’ के तहत आयोजित इस मार्च की शुरुआत स्टेशन चौक स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके हुई।
मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने नीतीश-भाजपा के शासन में गरीब, दलित और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के साथ हो रही हत्या, बलात्कार और बर्बरता की घटनाओं पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने हाल ही में हुई कोमल, काजल और स्नेहा जैसी बेटियों के लिए न्याय की मांग करते हुए जोरदार नारे लगाए। मार्च स्टेशन चौक से शुरू होकर मुख्य बाजार, खलीफाबाग चौक, भगतसिंह चौक होते हुए घंटाघर चौक पर समाप्त हुआ, जहां एक सभा का आयोजन किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले और ऐपवा के नेताओं ने कहा कि हाल के समय में महिलाओं, खासकर छोटी बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा, हत्या और बलात्कार की घटनाओं में तेजी आई है। उन्होंने सासाराम की छात्रा स्नेहा कुशवाहा की बनारस में हुई हत्या और होली के दिन लोजपा नेता के परिवार के सामंती दबंगों द्वारा 12 वर्षीय कोमल पासवान की गाड़ी से कुचलकर की गई हत्या का जिक्र किया। कोमल पर आरोप था कि उसने लोजपा नेता की दीवार को कीचड़ से गंदा कर दिया था। नेताओं ने पूर्णिया में घास काटने गई धानुक जाति की 14 वर्षीय काजल कुमारी के बलात्कार और हत्या, उसी दिन पूर्णिया में एक 8 वर्षीय बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और 5 अप्रैल को औरंगाबाद के नवीनगर प्रखंड में चंद्रवंशी जाति की 12 और 14 वर्ष की दो सगी बहनों के साथ सामंती दबंगों द्वारा बलात्कार के प्रयास और विरोध करने पर उनकी बुरी तरह पिटाई व बांह और कमर की हड्डी तोड़ने की घटनाओं का भी उल्लेख किया। बेगूसराय में हाल ही में हुई एसिड हमले की घटना पर भी चिंता व्यक्त की गई।
वक्ताओं ने भाजपा के ‘डबल इंजन’ के शासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके संरक्षण में समाज के दलित, अतिपिछड़े और वंचित समुदाय की महिलाओं के खिलाफ हर रोज कोई न कोई हिंसा की घटना घट रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-जदयू के शासन में सामंती ताकतों का मनोबल काफी बढ़ गया है और भाजपा पुराने बर्बर सामंती समाज को वापस लाना चाहती है। भाकपा माले और ऐपवा इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
डॉ. अम्बेडकर जयंती के अवसर पर शुरू किए गए ‘संविधान-आजादी-न्याय सुरक्षा सप्ताह’ के तहत निकाले गए इस मार्च के माध्यम से भाकपा माले और ऐपवा ने कोमल, काजल और स्नेहा के लिए न्याय, उनके परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा, बच्चियों की हत्या और बलात्कार की घटनाओं पर रोक, बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करने और हत्या-बलात्कार के सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
न्याय मार्च में भाकपा माले के जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल, जिला कमिटी सदस्य व ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, नगर सचिव विष्णु कुमार मंडल, नवगछिया प्रखंड सचिव गौरीशंकर राय, रंगरा प्रभारी पुरुषोत्तम दास, जिला कमिटी सदस्य रणधीर यादव, जगदीशपुर सचिव सिकंदर तांती, ऐपवा की जिला सचिव रेणु देवी, जिला उपाध्यक्ष मीरा देवी, भाकपा माले के नगर कमिटी सदस्य मनोज कृष्ण सहाय, दिनेश कापरी, शैलेन्द्र कुमार सिंह, विनय कुमार यादव, राधेश्याम रजक, बालेश्वर ठाकुर, रामलाल मंडल, घनश्याम मंडल, मुसाय मंडल, संतोष कुमार, निरंजन कुमार, पंकज कुमार सिंह और रामलखन मंडल सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
