अररिया में भाजपा ने अंबेडकर सम्मान सभा से भरी चुनावी हुंकार

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अररिया । विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अररिया ज़िले में डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा का आयोजन कर स्पष्ट कर दिया है कि वह अब सीमांचल में राजनीतिक विमर्श को सामाजिक न्याय के इर्द-गिर्द केंद्रित करने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही है। यह आयोजन भाजपा के लिए केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश और संगठनात्मक शक्ति प्रदर्शन का मंच साबित हुआ।

भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता बनाम कांग्रेस का अवसरवाद

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा, “डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। भाजपा ने उन्हें नमन हीं नहीं, नीतिगत सम्मान दिया है। वहीं कांग्रेस ने दशकों तक उन्हें दरकिनार कर केवल प्रतीकों तक सीमित रखा।”

उन्होंने यह भी कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. अंबेडकर को न केवल वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित किया, बल्कि दलित समाज को सशक्तिकरण के वास्तविक अवसर भी दिए।”

यह बयान कांग्रेस के उस लंबे शासनकाल पर सीधा हमला था, जहां दलित मुद्दे अक्सर वोट बैंक की राजनीति तक सीमित रह गए।

मोदी की सभा को लेकर संगठन में जोश, सीमांचल में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी

सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 24 अप्रैल को मधुबनी में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में अररिया से ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज की जाए। उन्होंने कहा,

“यह सभा केवल भाषण नहीं, सीमांचल के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगी। हम सबको यह दिखाना है कि सीमांचल अब विकास और आत्मगौरव के साथ खड़ा है।”

स्थानीय नेतृत्व की एकजुटता, संगठन की मजबूती का संकेत

सभा में नरपतगंज विधायक जय प्रकाश यादव, पूर्व विधायक परमानंद ऋषिदेव, देवयंती यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष सुराणा, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष गंगा ऋषिदेव, महिला मोर्चा अध्यक्ष किरण कुमारी, जिला महामंत्री आकाश राज, पूर्व महामंत्री अनंत लाल सादा, कनकलता झा, चांदनी सिंह, चंद्रकला रॉय, आलोक साह, सुधीर सिंह, मनोज सिंह सहित जिले के 24 मंडल अध्यक्षों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी बूथ से लेकर ब्लॉक तक संगठित और सक्रिय है।

राजनीति का नया विमर्श : वोट नहीं, विचार पर आधारित जनसंपर्क

इस आयोजन ने यह संकेत दिया कि भाजपा सीमांचल में वर्गीय समीकरण से आगे बढ़कर वैचारिक जनसंवाद की ओर बढ़ रही है। डॉ. अंबेडकर की विचारधारा को आत्मसात कर, पार्टी उन्हें राजनीतिक प्रतीक नहीं, नीति-निर्माण का स्रोत मानकर आगे बढ़ रही है।

यह बदलाव कांग्रेस के उस नैरेटिव को सीधी चुनौती देता है, जो वर्षों से दलित हितैषी राजनीति का दावा करता रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर सशक्तिकरण की प्रक्रिया में पिछड़ गया।

कार्यक्रम का समापन, लेकिन संदेश दूरगामी

कार्यक्रम का संचालन गरिमामय रहा और धन्यवाद ज्ञापन भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष नवीन यादव ने किया। उन्होंने कहा,

“आज का आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं, यह संकल्प है — कि हम डॉ. अंबेडकर की सोच को गाँव-गाँव, युवा-युवा तक पहुँचाएंगे और सीमांचल को नए भारत की मुख्यधारा से जोड़ेंगे।”

सीमांचल में भाजपा की रणनीति का अगला चरण शुरू

अररिया में अंबेडकर सम्मान सभा ने यह साबित कर दिया कि भाजपा अब सीमांचल को केवल चुनावी गणित नहीं, राजनीतिक चेतना के क्षेत्र के रूप में देख रही है।

जहाँ एक ओर पार्टी दलित, महिला और पिछड़े वर्ग के सशक्तिकरण की बातें ज़मीनी स्तर पर कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों को वैचारिक चुनौती देने में भी पीछे नहीं है।

यह आयोजन भाजपा के लिए सामाजिक न्याय, संगठन की ताकत और मोदी नेतृत्व के प्रति जनविश्वास का एक साथ प्रदर्शन बन गया।

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Author: gaytri

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