तालझारी: प्रखंड क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया। इस अवसर पर समुदाय के सदस्यों ने उपवास रखा और चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया। मान्यता के अनुसार, इसी दिन प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।
सुबह से ही श्रद्धालु गिरजाघरों में एकत्रित होने लगे थे। तालझारी के इपीफनी गिरजाघर में प्रभु यीशु की स्मृति में प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं। रेव्ह विजय किस्कू ने ईसा मसीह के मानव मुक्ति के लिए किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ईसा मसीह मानव कल्याण के लिए समर्पित थे और उन्होंने इसके लिए स्वयं को सूली पर चढ़ाने से भी परहेज नहीं किया।
सूली पर लटकाने के साथ-साथ उन्हें दी गई कोड़े मारने की यातना को याद कर अनुयायियों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने यीशु के जीवन के आदर्शों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। क्रिसमस की तरह ही गुड फ्राइडे को भी श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
रेव्ह विजय किस्कू ने प्रभु यीशु की शहादत की कहानी का विस्तृत वर्णन किया, जिसे सुनकर उपस्थित लोग भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है, लेकिन यह ईसाई धर्म के इतिहास का सबसे दुखद दिन है। इसी दिन प्रभु यीशु को क्रॉस पर चढ़ाया गया था, इसलिए यह दिन उनकी यातनाओं को याद करने और उनके वचनों का पालन करने का महत्व रखता है।
इस अवसर पर मिट्ठू मरांडी, स्नेहलता हांसदा, राजेश मार्शल सोरेन, एनि मरांडी, अभिषेक हांसदा, और सत्यवति बेसरा सहित अन्य लोगों ने प्रभु यीशु के त्याग, बलिदान और प्रेम के संस्मरणों को साझा किया और उनके वचनों पर चलने का संकल्प लिया। सामूहिक रूप से मिस्सा अनुष्ठान किया गया और विशेष प्रार्थनाएं की गईं।
