सिकटी/ कुर्साकांट । बिहार विधानसभा चुनावों की आहट के बीच सिकटी विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज़ हो गई है। महागठबंधन से संभावित उम्मीदवार इंजीनियर मनोज कुमार झा की जनसंपर्क यात्रा ने क्षेत्र की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है। उनकी लगातार बढ़ती जनभागीदारी और जमीनी पकड़ को देखते हुए उन्हें महागठबंधन का मजबूत चेहरा माना जा रहा है।
इंजीनियर मनोज झा का दौरा अब सिर्फ परंपरागत जनसंपर्क नहीं, बल्कि एक सुनियोजित सियासी अभियान का रूप ले चुका है। क्षेत्र के गांव-गांव, टोले-टोले में वह आम लोगों से मुलाकात कर रहे हैं, घर-घर जाकर हालचाल पूछ रहे हैं और हर सामाजिक अवसर पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका
हाल ही में उन्होंने मसूनंडा गांव में आयोजित महा संकीर्तन में भाग लेकर व्यापार मंडल अध्यक्ष जोगिंदर विश्वास और अन्य गणमान्य लोगों से मुलाकात की। इसके बाद डेढ़ूंआ पंचायत के पोखरिया गांव में मोहम्मद इमामउद्दीन के जनाजे में शरीक होकर परिवार को ढांढस बंधाया।
इसके अलावा वे पंचायत सरपंच रंजीत पासवान की बेटी के विवाह समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने वर-वधु को आशीर्वाद देते हुए सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया। अगले ही सुबह उनकी जनसंपर्क यात्रा सिकटिया पंचायत के पगडेरा गांव पहुंची, जहां उन्होंने दर्जनों परिवारों से मिलकर सीधे संवाद किया।
राजनीतिक पकड़ मजबूत, शीर्ष नेतृत्व की नजर में
इंजीनियर मनोज कुमार झा की लगातार बढ़ती लोकप्रियता और व्यापक जनसंपर्क को लेकर अब महागठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच गंभीर मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो पटना में टिकट बंटवारे को लेकर हो रही बैठकों में सिकटी विधानसभा से मनोज झा की दावेदारी को लेकर सकारात्मक चर्चा हो रही है।
क्षेत्र में उनके समर्थन में युवाओं, किसानों, व्यापारियों और शिक्षित वर्ग की लामबंदी से यह स्पष्ट हो गया है कि वे केवल दावेदार नहीं, बल्कि जनभावनाओं के प्रतिनिधि बनकर उभर रहे हैं।
जनता की राजनीति बनाम पारंपरिक समीकरण
सिकटी विधानसभा में अब राजनीति परंपरागत जातीय या संगठनात्मक समीकरणों से आगे निकलकर जनविश्वास के आधार पर आकार लेती दिख रही है। मनोज झा की छवि एक ईमानदार, मिलनसार और सेवा भाव वाले नेता की बन चुकी है। यही कारण है कि कई पुराने नेताओं की तुलना में झा को जमीन से जुड़ा और भविष्यवादी नेतृत्व माना जा रहा है।
नेता का वक्तव्य
इंजीनियर मनोज कुमार झा का कहना है, “मैं राजनीति को सत्ता का साधन नहीं, समाज सेवा का माध्यम मानता हूँ। जनता के आशीर्वाद और भरोसे से ही हम बदलाव की नींव रख सकते हैं।”
सिकटी विधानसभा में सियासत की दिशा अब तेजी से बदल रही है। अगर महागठबंधन ने जनभावना को प्राथमिकता दी, तो इंजीनियर मनोज कुमार झा एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में मैदान में दिख सकते हैं। उनके पक्ष में जनता का रुझान और नेतृत्व की स्वीकृति — दोनों मिलकर उन्हें चुनावी राजनीति का अगला बड़ा चेहरा बना सकते हैं।
