बटराहा । भारत की सांस्कृतिक चेतना को फिर से वैश्विक पहचान दिलाने के मिशन पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब मिथिला की धरती पर माता सीता का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। यह मंदिर सिर्फ एक ईंट-पत्थर की संरचना नहीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति, मर्यादा, त्याग और आदर्शों का विश्व स्तरीय प्रतीक बनेगा। यह बात बिहार सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर विजय कुमार मंडल ने अपने बटराहा स्थित आवास पर मोदी जी के सभा का समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही।
“अयोध्या के बाद अब मिथिला की बारी”
मंत्री विजय कुमार मंडल ने कहा – “जिस तरह अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बना और पूरे देश ने गर्व महसूस किया, उसी तरह अब समय आ गया है कि माता जानकी के नाम पर भी मिथिला को उसका खोया हुआ गौरव लौटाया जाए। मोदी जी के नेतृत्व में यह सपना साकार होगा। यह मंदिर दुनिया भर में आस्था और संस्कृति का केंद्र बनेगा।”
मिथिला के हृदय में बसेगा श्रद्धा का महातीर्थ
इस मंदिर का निर्माण सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी प्रतीक होगा। यह मंदिर मिथिला के स्वाभिमान, नारी सम्मान और सनातन संस्कृति की धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।
इसमें मिथिला की पारंपरिक कोहबर शैली, मधुबनी चित्रकला, और स्थानीय वास्तुशिल्प की झलक होगी। मंदिर से जुड़े परिसर में धार्मिक संग्रहालय, नारी शक्ति केंद्र, और वैदिक शिक्षा केंद्र की भी योजना प्रस्तावित है।
आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक बदलाव का वाहक बनेगा मंदिर
यह मंदिर धार्मिक पर्यटन, स्थानीय रोजगार, महिला सशक्तिकरण, और मिथिला की सांस्कृतिक अस्मिता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही यह भारत की उस विरासत को पुनर्स्थापित करेगा, जहाँ सीता केवल एक पात्र नहीं, बल्कि एक युग की परिभाषा हैं।
“राम मंदिर ने भारत का मस्तक ऊंचा किया, जानकी मंदिर भारत की आत्मा को गौरव देगा।” मिथिला अब केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक धरोहर का ध्रुवतारा बनेगी – प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प और जनआस्था की शक्ति से।
