नई दिल्ली : भारत सरकार ने साफ किया है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाएगा, किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर किसी तीसरे पक्ष की दखल को भी खारिज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर (PoK) को खाली करना ही होगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की यह नीति लंबे समय से रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत का रुख कश्मीर पर नहीं बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा; यह नीति नहीं बदली है। लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। भारत द्वारा नष्ट किए गए आतंकवादी ढांचे न केवल भारतीयों की बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे। अब यह एक नया दस्तूर चलन में आया है और जितनी जल्दी पाकिस्तान को इसकी आदत हो जाए, उतना ही बेहतर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।”
