रांची: झारखंड सहित देश के अन्य राज्यो में अवैध रूप से प्रवास कर रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या की पहचान कर उन्हें समूह में देश से बाहर भेजने की कवायद शुरू की गई है. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा झारखंड सहित कई राज्यों को पत्र लिखा गया है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में अवैध रूप से निवास कर रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को देश से बाहर भजेने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को डिपोर्ट करने के लिए प्रोसीजर बनाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र भेजा है. इस संबंध में झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को भी पत्र भेजा गया है. पत्र में यह कहा गया है कि सभी राज्य सरकारें अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या को चिन्हित करें. पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को चिन्हित करने के लिए राज्य के हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करें.
उसके बाद एक होल्डिंग सेंटर बनाएं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि केंद्र के पास संघीय पुलिसिंग की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सभी राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें चिन्हित जगह पर रखें और फिर डिपोर्ट की कार्रवाई शुरू करें. चिन्हित प्रवासियों के मूवमेंट पर रोक लगाना राज्य सरकार के अधीन होगा.केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा लिखे गए पत्र में यह बताया गया है कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को डिपोर्ट करने के लिए एक होल्डिंग सेंटर का निर्माण करें. होल्डिंग सेंटर में ही चिन्हित किए गए बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लाकर रखना है. होल्डिंग सेंटर में जांच पड़ताल पूरी करने के बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और को कोस्ट गार्ड को सौंपा जाएगा. इसके बाद संबंधित देश को उनके नागरिकों को सौंपा जाएगा. इस दिशा में कार्रवाई के लिए केंद्र के द्वारा पत्र मुख्य सचिव के स्तर से पुलिस मुख्यालय और सभी जिलों को भी भेजा गया है.अवैध बांग्लादेशी की पहचान होने के बाद राज्य सरकार तत्काल संबंधित व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफी की जानकारी लेगी. इसके बाद उसे विदेशी आइडेंटिफिकेशन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
