रांची : रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को हटाने के लिए एक बार फिर विभाग की किरकिरी हुई ।मामला अब तूल पकड़ रहा है और खुद कांग्रेस विधायक ही मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने के मूड में दिख रहे हैं। इस कवायद के सूत्रधारों को कांग्रेस विधायक और रांची सांसद की ओर से झटका लगा है। कांके से कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मंत्री इरफान अंसारी के कहने से कहीं भी साइन नहीं कर दूंगा। जिसे हटाने के आदेश पर हाई कोर्ट ने स्टे लगाया है उसे हटाने के लिए किसी प्रकार की मुहिम चलाना ही गलत है। बैठा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी इस मामले में गलत करार दिया। स्वास्थ्य मंत्री सह रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी की अध्यक्षता में पिछली बार आयोजित शासी परिषद की बैठक में आउटसोर्सिंग कंपनियों मेडाल और हेल्थमैप के बकाया बिल भुगतान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को बिना स्पष्टीकरण पूछे पद से हटा दिया गया। डॉ. राजकुमार ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने बिना प्रक्रिया अपनाये डॉ. राजकुमार को हटाने संबंधी स्वास्थ्य विभाग के आदेश को रद कर दिया था। इसके बाद रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की ओर से रिम्स निदेशक से स्पष्टीकरण पूछा गया। जिसका जवाब रिम्स निदेशक ने दे दिया है। अब प्रक्रिया अपनाते हुए रिम्स निदेशक को हटाने के लिए रिम्स शासी परिषद के सदस्यों से सहमति प्राप्त की जा रही है। हालांकि, सांसद संजय सेठ और कांके से कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रिम्स निदेशक को हटाने के पुराने आदेश पर जब हाई कोर्ट ने स्टे लगाया है तो फिर इस तरह की मुहिम चलाना भी गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी भी मंत्री से गलत काम करवाना चाह रहे हैं। ज्ञात हो कि 15 अप्रैल को रिम्स शासी परिषद की बैठक हुई थी, जिसमें कई मुद्दों पर मंत्री और निदेशक के बीच तीखी बहस हुई थी। इरफान मंत्री इरफान अंसारी ने पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर किसी को हस्ताक्षर नहीं करना हो तो ना करें, ऐसी बातों को लेकर मीडिया में जाना और बयानबाजी करना ठीक नहीं। उन्होंने विधायक के इस व्यवहार की आलोचना की।
