पटना : महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा के बीच चल रहे भाषा विवाद पर निरहुआ ने चैलेंज किया . मैं मराठी नहीं बोलता हूं, मुझे महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ. किसी भी नेता को मैं खुला चैलेंज देता हूं. अगर तुम्हारे में दम है तो मैं मराठी नहीं बोलता हूं, मुझे निकालकर दिखाओ. मैं वहीं रहता हूं. राजनीति लोगों के और देश के भले के लिए होना चाहिए. किसी में क्षमता है तो वो चार-पांच भाषा सीखें, मराठी बहुत प्यारी भाषा है. लेकिन अगर कोई नहीं सीख सकता है तो जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए.” यह बहुत ही निंदनीय घटना है. अगर आपको राजनेता बनना है और नेतागिरी करना है, तो जोड़ने वाली राजनीति कीजिए तोड़ने वाली नहीं. भाषा विवाद पर गरीब लोगों के साथ मारपीट की घटना दुखद है.ने कहा कि भारत की खूबसूरती यह है कि यहां अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं, अलग-अलग जाति धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. सभी एक साथ मिलकर काम करते हैं. ‘हमार नाम बा कन्हैया’ फिल्म बनाए में काम करने वाला भोजपुरी का भी आदमी है, मराठी, गुजराती और तमिल आदमी भी है. सभी लोग मिलकर उसी महाराष्ट्र में फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं. बता दें कि रविवार को पटना में भोजपुरी फिल्म ‘हमार नाम बा कन्हैया’ के प्रीमियर को लेकर भोजपुरी के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ पटना पहुंचे. फिल्म के बारे में बताते हुए कहा कि यह बहुत ही पारिवारिक फिल्म है. बिहार में फिल्म नीति बहुत अच्छी आई हुई है. फिल्म नीति जबसे आई है तबसे हम लोगों ने भी कई स्क्रिप्ट यहां सबमिट करके रखा है, जैसे ही अनुमति मिलेगी, फिल्मों की शूटिंग शुरू करेंगे. फिल्म शूटिंग में सरकार का समर्थन मिल रहा है और इससे अच्छी बात शूटिंग के लिए क्या होगी.जिस प्रकार से एनडीए गठबंधन की सरकार ने बिहार को लगातार चमकाया है, फिर एक बार बिहार की जनता एनडीए गठबंधन के साथ ही जाएगी.निरहुआ ने कहा कि यूपी से बिहार बाई रोड आए हैं, जबकि पहले कभी यह कल्पना नहीं कर सकते थे. पहले अगर ऐसा करते तो यहां पहुंचते-पहुंचते सिनेमा चलकर उतर जाती. यूपी से बिहार तक बाई रोड आने में कोई तकलीफ नहीं हुई. ऐसी ही तो सरकार चाहिए. एक बार फिर से एनडीए गठबंधन की सरकार ही आनी चाहिए और बिहार का विकास रुकना नहीं चाहिए.
