डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय परिसर (पूर्व राँची कॉलेज) में आज आदिवासी छात्र संघ द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ़्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय से जुड़ी जनहित और छात्रहित की समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई और कई आवश्यक मांगों को उठाया गया।
संघ के अध्यक्ष श्री विवेक तिर्की ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियाँ लंबे समय से ठप पड़ी हैं, जिन्हें अविलंब शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रमुख समस्याओं की ओर इशारा करते हुए निम्नलिखित मांगें रखीं:
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केंद्रीय पुस्तकालय की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और प्रत्येक विभाग में अलग विभागीय पुस्तकालय स्थापित किया जाए।
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TRL-9 विभाग में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाए तथा स्वतंत्र भवन की व्यवस्था की जाए।
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कॉलेज परिसर में स्थित ‘अखड़ा’ का सौंदर्यीकरण शीघ्र किया जाए एवं मंच और शेड का निर्माण कार्य पूरा किया जाए।
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विश्वविद्यालय में कार्यरत एक आदिवासी महिला नॉन-टीचिंग कर्मचारी के साथ हुए अत्याचार की निष्पक्ष जांच कराकर पीड़िता को न्याय दिलाया जाए।
संघ की उपाध्यक्ष सुश्री दीपा कच्छप ने राँची कॉलेज का नाम “वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय” किए जाने की पुरानी माँग को दोहराया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर चुकी है, फिर भी नाम परिवर्तन की प्रक्रिया में कोई ठोस पहल नहीं हुई है। उन्होंने राज्यपाल महोदय से इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेने की अपील की।
संघ के सचिव श्री अमित टोप्पो ने विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति एवं स्थायी कुलसचिव की शीघ्र नियुक्ति की माँग की ताकि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था फिर से पटरी पर आ सके।
प्रेस वार्ता के दौरान आदिवासी छात्र संघ के अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य भी मौजूद रहे, जिनमें सचिव अमित टोप्पो, कोषाध्यक्ष नितेश टोप्पो, मीडिया प्रभारी आलोक तिर्की, एवं अन्य सदस्य अभिनव भगत, चंचल मुंडा, उत्तम उराँव, आशीष टोप्पो, आलोक मिंज, सूरज कुमार, अनुपम उराँव, विशाल मुंडा, रोशन टोप्पो, अनिमेष लिंडा, रोहित केरकेटा शामिल रहे।

Author: Sumit Vidrohi
सुमित विद्रोही एक हिंदी डिजिटल पत्रकार हैं। सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उनकी आवाज मुखर और स्पष्ट है, खासकर दलित – बहुजन विमर्श, लोकतांत्रिक मूल्य और गैर‑वर्चस्ववादी दृष्टिकोणों को उजागर करने में।