जमशेदपुर: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार को माईकल जॉन प्रेक्षागृह, जमशेदपुर में स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में संचालित स्वावलंबी झारखंड माइक्रो वेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर (एसजेएमडीसी) की ओर से आयोजित तेरहवां वार्षिक लघु ऋण वितरण समारोह को संबोधित करते हुए संस्था को महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि हज़ारों परिवारों के जीवन में आये आत्मबल, आत्मनिर्भरता और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है।
राज्यपाल ने कहा कि आज भी देश की लाखों महिलाएं, विशेषकर ग्रामीण और वंचित तबके की, परंपरागत बैंकिंग प्रणाली से दूर हैं। ऐसे में इस प्रकार की संस्थाएं उन्हें आर्थिक सहायता देकर आत्मबल, आत्मविश्वास और स्वावलंबन की राह दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं अब छोटे लेकिन सशक्त उद्यमों के ज़रिए आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं।
राज्यपाल ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 25 वर्ष पहले बरेली में एक सहकारी बैंक की स्थापना की थी, जो आज मल्टी-स्टेट बैंकों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। यह बैंक पूरे वर्ष, सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक सेवा देता है। उन्होंने कहा कि छोटे ऋण देना आसान काम नहीं, लेकिन यदि महिला को ऋण दिया जाए, तो वह उसे ज़रूर लौटाती है। इसी विश्वास पर यह प्रक्रिया सफल हो सकती है और इसे निरंतर चलना चाहिए।
राज्यपाल ने ‘लखपति दीदी योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड की महिलाएं आज आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं। वे बैंकिंग, विपणन, उद्यमिता और वित्तीय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में दक्षता के साथ नेतृत्व कर रही हैं। यह परिवर्तन केवल आय तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, निर्णय क्षमता और सामाजिक नेतृत्व का प्रतीक है। उन्होंने विश्वास जताया कि आज ऋण प्राप्त करने वाली महिलाएं भविष्य में न केवल अपने परिवार को संबल देंगी, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेंगी।
समारोह के अंत में राज्यपाल ने स्वदेशी जागरण मंच और स्वावलंबी झारखंड माइक्रो वेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर (एसजेएमडीसी) की पूरी टीम को इस सामाजिक आंदोलन को निरंतर गति देने हेतु शुभकामनाएं दीं तथा सभी लाभार्थी महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
