जमशेदपुर: जमशेदपुर शहर में पिछले दो दिन से बाढ़ जैसे हालात हैं। लगातार बारिश से खरकई और सुवर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और नदियों का पानी शहर के निचले इलाकों में घुस आया है। इन इलाकों में स्थित बस्तियां जलमग्न हो गईं। कई इलाकों में बाढ़ का पानी कमर तक पहुंच गया। हालात गंभीर होते देख प्रशासन ने तुरंत एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया। एनडीआरएफ, टाटा स्टील और जिला प्रशासन ने मिलकर शनिवार रात तक राहत और बचाव कार्य चलाया। शहर के कदमा, बागबेड़ा, जुगसलाई, सोनारी, मानगो, बिष्टुपुर जैसे इलाकों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई घरों और फ्लैटों में पानी भर गया। ग्रीन पार्क, गणेश वाटिका, आस्था विजय फ्लैट, शास्त्री नगर, रिवर व्यू कॉलोनी, गरीब नवाज कॉलोनी, शिवनगर और अन्य इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए। मानगो की पुरुलिया रोड और कपाली लिंक रोड पर दो फीट तक पानी बहने लगा। कई सड़कें बंद करनी पड़ीं। दुकानों, गोदामों और रिहायशी क्षेत्रों में पानी घुस गया। टाटा स्टील के गोताखोरों की मदद से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। डीसी कर्ण सत्यार्थी खुद हालात की निगरानी करते रहे। एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू बोट की मदद से लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया। प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर भी बनाए हैं। बाढ़ की बड़ी वजह लगातार बारिश के साथ-साथ डैम से छोड़ा गया पानी है। चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने पर इसके आठ गेट खोले गए। इनमें से चार गेट 1.5 मीटर और चार गेट 0.5 मीटर तक खोले गए, जिससे 762.39 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। डिमना डैम का भी एक फाटक खोला गया, और गालूडीह बराज के सभी 13 गेट खोल दिए गए, जिससे 8218.76 क्यूमेक्स पानी नदी में आया। इन कारणों से सुवर्णरेखा और खरकई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया। रविवार को बारिश थमने से स्थिति थोड़ी नियंत्रित हुई है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।
