देवघर। चैत्र मास की दशमी तिथि को सोमवार के दिन बाबा मंदिर में जलाभिषेक करने के साथ-साथ उपनयन, मुंडन तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठान कराने हेतु श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। बाबा मंदिर परिसर में उपनयन और मुंडन संस्कार करवाने वालों की इतनी अधिक संख्या थी कि मंदिर प्रांगण पूर्णतः श्रद्धालुओं से भर गया और चारों ओर धार्मिक अनुष्ठानों की गूंज सुनाई देने लगी।
परिसर के अतिरिक्त आस-पास के अन्य मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ देखी गई जो अपने बच्चों का उपनयन तथा मुंडन संस्कार संपन्न कराने हेतु यहां पहुंचे थे। यह भीड़ रविवार की संध्या से ही उमड़ने लगी थी, जो सोमवार को चरम पर पहुंच गई। श्रद्धालु मंदिर परिसर में रातभर रुककर सुबह से ही अनुष्ठानों की तैयारियों में जुट गए थे।
पंडितों की टोली विभिन्न परिवारों के साथ बैठकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उपनयन संस्कार एवं मुंडन विधि को संपन्न करवा रही थी। बच्चों के सिर मुंडवाए जा रहे थे और परंपरागत विधियों से यज्ञोपवीत संस्कार किया जा रहा था। मंदिर प्रांगण में जगह-जगह पूजा की सामग्री, फूल, माला, हवन कुंड आदि सजाए गए थे, जिससे वातावरण में धार्मिकता का विशेष प्रभाव देखा गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस तिथि को बाबा मंदिर परिसर में उपनयन या मुंडन संस्कार कराना अत्यंत पुण्यकारी होता है। यही कारण है कि यहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु अपने बच्चों को लेकर पहुंचते हैं।
बाबा मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस अवसर पर करीब डेढ़ हजार से अधिक बच्चों का उपनयन एवं मुंडन संस्कार संपन्न हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में पुलिस बल भी तैनात था तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों की सहायता ली गई।
श्रद्धालुओं की इस अपार भीड़ को देखकर स्पष्ट होता है कि धार्मिक आस्था और परंपरा आज भी जनमानस के हृदय में गहराई से रची-बसी है। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर एक बार फिर धर्मप्रेमियों के जयघोष से गूंज उठी।
