रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला है। मरांडी ने सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार को जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल के 100 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी राज्य में कोई ठोस विकास कार्य नहीं दिख रहा है।
मरांडी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “हेमंत सोरेन जी को झारखंड की जनता ने दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में अब तक ऐसा कोई ठोस कार्य नहीं दिखता, जिससे जनता के जीवन में सार्थक परिवर्तन आया हो। न तो कोई दूरदर्शी नीति प्रस्तुत की गई और न ही विकास के लिए गंभीर प्रयास किए गए।”
मईया सम्मान योजना पर सवाल
मरांडी ने हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी मईया सम्मान योजना को लेकर भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का वादा किया गया था, लेकिन इसे लागू करने में जटिल नियमों और शर्तों का जाल बिछा दिया गया। उन्होंने ने आरोप लगाया, “कागजातों की कमी का बहाना बनाकर अधिकांश महिलाओं को इस योजना से वंचित रखा गया। यह प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि महिला सम्मान और विश्वास के साथ धोखा है।” कई महिलाओं ने शिकायत की है कि उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
युवाओं के लिए रोजगार का वादा ‘जुमला’
मरांडी ने युवाओं को रोजगार देने के वादे को भी ‘चुनावी जुमला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि नियोजन प्रक्रिया को सशक्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राज्य के लाखों युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं और सरकार के पास उनके लिए कोई योजना नहीं है।
अपराध का बढ़ता ग्राफ, सरकार पर निष्क्रियता का आरोप
श्री मरांडी ने राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर भी हेमंत सोरेन सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हत्या, बलात्कार, जमीन कब्जा, रंगदारी और संगठित अपराध की घटनाएं अब आम हो गई हैं। “हर जिले से अपराध की खबरें आ रही हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। भू-माफियाओं और अपराधियों को खुला संरक्षण मिला हुआ है,” मारंडी ने आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी कहा कि शासन-प्रशासन पूरी तरह से असंवेदनशील और निष्क्रिय हो चुका है, जिससे ऐसा लगता है कि राज्य के संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे दी गई है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 2023 में हेमंत सोरेन ने अपराध नियंत्रण के लिए कई कदम उठाने के निर्देश दिए थे, जिसमें असामाजिक तत्वों का डेटाबेस तैयार करना, बेहतर पुलिसिंग और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल था।
मरांडी ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि हेमंत सोरेन “नीयत और नीति दोनों के अभाव का प्रमाण” बन चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि सोरेन ने सत्ता में बने रहने के लिए जनता को गुमराह किया और सत्ता मिलने के बाद उनके सरोकारों से मुंह मोड़ लिया। उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रही है। वह देख रही है कि कैसे सरकार की नाकामी ने राज्य को पिछड़े राज्यों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।”
उन्होंने भविष्यवाणी की कि आने वाले चुनावों में जनता इस “विश्वासघात” का जवाब देगी और झारखंड का भविष्य “छल, भ्रष्टाचार और अपराध” पर नहीं, बल्कि “पारदर्शिता, विकास और न्याय” के आधार पर तय होगा।
राजनीतिक माहौल गरमाया
बाबूलाल मरांडी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब झारखंड में राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। बीजेपी और जेएमएम के बीच पहले से ही तीखी बयानबाजी चल रही है। बीजेपी जहां जेएमएम सरकार पर भ्रष्टाचार और नाकामी का आरोप लगा रही है, वहीं जेएमएम अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं, खासकर मईया सम्मान योजना को अपनी उपलब्धि बता रही है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मारंडी के इन आरोपों का जेएमएम सरकार कैसे जवाब देती है और झारखंड की जनता इस राजनीतिक जंग में किसे अपना समर्थन देती है।
