पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपने सक्रिय निरीक्षण अभियान के तहत अचानक सोमवार को बख्तियारपुर पहुंचे। उनके साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे। उन्होंने बख्तियारपुर प्रखंड के घनसुरपुर स्थित गंगा नदी और सीढ़ी घाट के निर्माणाधीन कार्यों का स्थल पर जाकर मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने गंगा की पुरानी धारा के पुनर्जीवन के लिए चल रही परियोजना की प्रगति पर संतोष जताया, लेकिन साथ ही अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि कार्य की गति धीमी नहीं होनी चाहिए और इसे हर हाल में बरसात से पहले पूरा किया जाना चाहिए।निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने मुख्यमंत्री को परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड में घनसुरपुर से देदौर तक 4,420 मीटर लंबाई में फैली हुई है। इसमें गाद की सफाई कर गंगा की पुरानी धारा को फिर से प्रवाहित करने का प्रयास किया जा रहा है। योजना के तहत 1520 मीटर की लंबाई में जियो बैग स्लोप पिचिंग द्वारा क्षरण रोकने का सुरक्षात्मक कार्य भी शामिल है। इस योजना की कुल प्रशासनिक स्वीकृति 3427.80 लाख रुपये है।निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने सीढ़ी घाट मंदिर एवं जेएमटी स्कूल के निकट संपर्क पथ के लिए किए जा रहे भू-अर्जन और निर्माणाधीन सीढ़ियों का भी जायजा लिया। जल संसाधन विभाग ने उन्हें बताया कि बख्तियारपुर प्रखंड में 330 मीटर लंबी सीढ़ी निर्माण हो रही है। इसके अलावा 2100 मीटर लंबाई में कटाव निरोधक कार्य और पाथवे निर्माण कराया जा रहा है। योजना में शौचालय, चेजिंग रूम, प्रकाश व्यवस्था और लैंडस्केपिंग जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। यह कार्य जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है और इसकी प्रशासनिक स्वीकृति 5606 लाख रुपये है।निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट स्थित श्री राधे कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इसके बाद वे स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व सांसद पंडित शीलभद्र याजी और उनकी धर्मपत्नी दिवंगत बालकेश्वरी याजी की समाधि स्थल पर गए और श्रद्धांजलि अर्पित की।
