सिकटी । बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर हैं और राजनीतिक दलों की नजरें अब जीत सुनिश्चित करने वाले प्रत्याशियों पर टिकी हैं। इसी क्रम में सिकटी विधानसभा सीट से महागठबंधन के सबसे मजबूत और सर्वमान्य उम्मीदवार के रूप में ई. मनोज कुमार झा का नाम चर्चा में छा गया है।
पिछले एक दशक से मूल रूप से समाजसेवी के रूप में सक्रिय इंजीनियर मनोज झा ने सामाजिक कार्यों, जनता से जुड़ाव और जात-पात से ऊपर उठकर सेवा भावना के बल पर क्षेत्र में एक मजबूत जनाधार तैयार किया है। यही कारण है कि आज सिकटी के गांव-गांव में यही चर्चा है कि “इस बार मनोज झा!”
राजनीतिक विश्लेषक और स्थानीय कार्यकर्ता मानते हैं कि महागठबंधन यदि सिकटी में एनडीए को कड़ी टक्कर देना चाहता है, तो मनोज झा से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। वे सभी जातियों, वर्गों और समुदायों में समान रूप से लोकप्रिय हैं—जो किसी भी चुनावी समीकरण के लिए बेहद निर्णायक पहलू होता है।
मनोज झा ने बिना पद या सत्ता के पटना में गरीबों का इलाज, आपात स्थिति में मदद, आवास की व्यवस्था और पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में अपनी व्यक्तिगत भागीदारी से एक जननायक की छवि बनाई है। उनका छोटा भाई संतोष झा जब डेढूंआ पंचायत का मुखिया बना, तो लोगों ने पहली बार देखा कि एक जनप्रतिनिधि अपने पैसे से एम्बुलेंस सेवा शुरू कर सकता है। इसके अलावा, पंचायत भवन की जमीन खुद खरीदकर सरकार को दान देना, झा परिवार की सोच को दर्शाता है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो पटना में महागठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच भी मनोज झा का नाम प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है। स्थानीय जनसमर्थन और कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए उन्हें टिकट दिए जाने की संभावना प्रबल होती जा रही है।
यदि ई. मनोज झा को महागठबंधन का टिकट मिलता है, तो सिकटी में चुनावी लड़ाई महज एनडीए बनाम महागठबंधन नहीं बल्कि जनता बनाम सत्ता की शक्ल ले सकती है।
