शिक्षा, संघर्ष और उपलब्धियों का उत्सव बना स्थापना दिवस; कुलपति डॉ. अशोक कुमार ने कहा – “कोसी क्षेत्र का गौरव है यह महाविद्यालय”

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मधेपुरा । मधेपुरा महाविद्यालय, मधेपुरा का 42वां स्थापना दिवस समारोह आज बड़े ही धूमधाम और उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर श्रीकृष्ण विश्वविद्यालय के कुलपति एवं महाविद्यालय के संस्थापक डॉ. अशोक कुमार सहित अनेक शैक्षणिक व प्रशासनिक विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. पूनम यादव ने की। उन्होंने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र से स्वागत किया और उनके योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे सभी आमंत्रित अतिथियों ने संयुक्त रूप से संपन्न किया।

कुलपति डा.अशोक कुमार ने किया महाविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख

अपने प्रेरणादायक संबोधन में माननीय कुलपति डॉ. अशोक कुमार ने कहा, “यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय के लिए गर्व का प्रतीक है। कोसी के कछार में स्थित यह संस्थान आज न केवल नैक मूल्यांकन के द्वितीय चक्र को पूर्ण कर चुका है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है।” उन्होंने कहा कि यह सफलता महाविद्यालय के कर्मठ शिक्षकों और समर्पित कर्मचारियों की निरंतर मेहनत का परिणाम है।

डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय में अग्रणी है, जहाँ बहुमंजिला भवन, विशाल परिसर और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु बन चुका है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार शीघ्र ही शिक्षकों और कर्मचारियों को चिह्नित कर नियमित वेतन भुगतान की दिशा में कदम उठाएगी।

अन्य वक्ताओं के विचार

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर मिश्रा ने कहा कि “मेरी हमेशा कोशिश रही है कि विश्वविद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में मधेपुरा महाविद्यालय को प्राथमिकता दी जाए। यह महाविद्यालय हर कसौटी पर खरा उतरता रहा है।”

पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि लोग अक्सर ऊँची इमारतें देखते हैं, पर उनकी नींव को नहीं पहचानते। “डॉ. अशोक कुमार न केवल इस महाविद्यालय बल्कि कई संस्थानों के निर्माता हैं, उनका जीवन संघर्षपूर्ण और प्रेरणास्पद है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मधेपुरा में शीघ्र ही एक और विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है, जिसके सूत्रधार स्वयं डॉ. अशोक कुमार हैं।

पार्वती साइंस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. ललन प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों को कर्मवीर और संघर्षशील बनने की आवश्यकता है। महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ. भगवान कुमार मिश्रा ने भावुक होकर कहा कि “अशोक बाबू की संघर्ष यात्रा में मैं हमेशा उनकी छाया बनकर चला हूं और अंतिम सांस तक साथ रहूंगा।”

एक माँ का आशीर्वाद

कार्यक्रम के अंत में जंतु विज्ञान विभाग के प्राध्यापक अनिल कुमार की माताजी, श्रीमती आरती देवी ने मंच पर उपस्थित होकर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को आशीर्वाद दिया और उनके मंगलमय जीवन की कामना की।

सम्मानित उपस्थिति

इस कार्यक्रम में शिक्षक नेता डॉ. बृजेश कुमार मंडल, अरविंद कुमार, मनोज भटनागर, विजेंद्र मेहता, चंद्रमणि गुप्ता, किरण कुमारी, श्याम सुंदर, रंजीत कुमार, अमल किशोर, सोना झा, चंद्रदीप कुमार, प्रिंस कुमार, सौरभ सिंह, पप्पू कुमार, गजेन्द्र यादव, उमेश कुमार, ब्रजेश कुमार, शशिशेखर सहित अनेक गणमान्य शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी व छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

समारोह ने दी एकजुटता और प्रेरणा की नई दिशा

42 वर्षों की गौरवगाथा को समर्पित यह समारोह न केवल एक उत्सव था, बल्कि शिक्षा, समर्पण और संस्थान की निरंतर प्रगति का प्रतीक भी बना। यह अवसर आने वाले वर्षों के लिए नई प्रेरणा व ऊर्जा प्रदान करने वाला सिद्ध हुआ।

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Author: gaytri

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