गाजियाबाद – उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार महिला पुलिस अधिकारी डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर, जो कभी अपनी सख्त छवि और कानून व्यवस्था को लेकर चर्चाओं में रही हैं, अब एक निजी विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं। उनके पति रोहित सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले को सार्वजनिक कर दिया है।
सोशल मीडिया से मंदिर तक, फिर टूटा रिश्ता
रोहित सिंह के अनुसार, उनकी और श्रेष्ठा की मुलाकात वर्ष 2017 में सोशल मीडिया पर हुई थी। उसी साल दोनों ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक मंदिर में शादी कर ली। बाद में 2018 में पटना में दूसरी बार परिवार की मौजूदगी में विवाह किया गया।
गंभीर आरोप: धोखा, मानसिक उत्पीड़न और दहेज का झूठा केस
रोहित का कहना है कि शादी के कुछ सालों बाद उनके रिश्तों में खटास आने लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रेष्ठा ने 2.5 करोड़ के दहेज मामले में फंसाने की साजिश रची और उन पर झूठे आरोप लगाए। रोहित का दावा है कि उन्हें उनके बेटे से भी मिलने नहीं दिया जा रहा, जबकि अदालत ने मुलाकात की अनुमति दी है।
SHO से संबंध और सबूत नष्ट करने का आरोप
रोहित ने यह भी आरोप लगाया कि श्रेष्ठा ठाकुर के कौशांबी थाना प्रभारी सर्वेश पाल से नजदीकी संबंध हैं। उन्होंने कहा कि 8 फरवरी 2024 को SHO और पुलिसकर्मी उनके घर आए और उनके फोन से महत्वपूर्ण सबूत जबरन डिलीट कर दिए गए।
कोर्ट में लगाई न्याय की गुहार
रोहित सिंह ने गाजियाबाद कोर्ट में धारा 156(3) के तहत एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें श्रेष्ठा ठाकुर, उनके भाई और SHO सहित कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, और अब इस लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़ा जाएगा।
चुप हैं डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर, अब सबकी नजरें कोर्ट पर
इस पूरे मामले पर अभी तक डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है और अब देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।
एक तरफ जहां यह प्रकरण एक हाई प्रोफाइल निजी विवाद बन चुका है, वहीं यह सवाल भी खड़ा कर रहा है कि क्या कानून की रक्षक खुद कानून के कठघरे में खड़ी होंगी?
