भागलपुर : बिहार पूर्वी बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में चुनाव में हुई धांधली के गंभीर आरोप-प्रत्यारोप लगातार एक से एक मुखौटा को नंगा कर रहे हैं-इसी कड़ी में पदम कुमार जैन ने हारे हुए या हराए गए लोगों के नाम पर एक विरोधी स्वर का मोर्चा वर्तमान चैंबर कमेटी के विरुद्ध खोल रखा है!पदम कुमार जैन के साथ युवा सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक कुमार जैन/अभिषेक कुमार डालमिया वं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार चोखानी/विनय कुमार डोकानिया/प्रदीप कुमार झुनझुनवाला (चार्टर्ड अकाउंटेंट)/संदीप कुमार बनका वगैरा ने संभाल रखा है-यह लोग व्यापारी समुदाय के दरवाजे-दरवाजे जाकर चेंबर के चुनाव में कुछ लोगों के द्वारा की गई गड़बड़ियों को उजागर कर रहे हैं-पदम कुमार जैन की टीम मनीष बूचासिया जो कि जीएसटी के प्रैक्टिशनर है एवं जीएसटी डिपार्मेंट वं व्यापारियों के बीच में तालमेल बिठाते हैं और बड़े व्यापारी भी है-उनके विरुद्ध धांधली के आरोप के रूप में बड़ा हमला किया और कई तरह के गंभीर आरोप मनीष बूचासिया पर खुलेआम लगाए हैं!
जानकार लोगों का मानना है कि इस टीम के पर्दे के पीछे की रणनीति पूर्व चेंबर अध्यक्ष अशोक भिवानीवाल जी संभाल रखे हैं-तो वर्तमान कमेटी के पर्दे की पीछे की तमाम नीति वं कार्यों के करता धर्ता के रूप में व्यापारी लोग शाह वं मिश्रा जी की जोड़ी को मान रहे हैं! सीनियर व्यापारी लोगों का कहना हुआ मनीष बूचासिया तो एक मोहरा मात्र है, असली खिलाड़ी चंद बड़े लोग हैं जो पर्दे के पीछे चैंबर की सरकार को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं ऐसा यह लोग कई बरसों से लगातार कर भी रहे हैं!जब चेंबर के सदस्य एक डॉक्टर से बतरस ने पूछा सर यह क्या ? हो रहा है तो उनका जवाब था इंसान जब भी रंग बदलते हैं वह जमीन पर ही गिरते हैं! गरीब वं कम पूंजी वाले तपके के व्यापारी लोगों ने कहा की गाय घास खाकर भी दूध देती है-सांप दूध पीकर भी जहर उगलता है यह तो जमाने की प्रचलन है जो हमेशा ही चलता रहेगा! गौ माता के भक्त एक व्यापारी ने कहा सफेद गाय भी सफेद दूध देती है-काली गाय भी सफेद दूध देती है और काली भैंस भी सफेद दूध देती है-हमें दूध से मतलब है कौन कैसा दूध देती है यह उनकी प्रवृत्ति है!
उम्र के ढलान पर बैठे सीनियर सिटीजन व्यापारियों ने कहा हरा भरा चैंबर संगठन अब एक बंजर भूमि की तरह होता जा रहा है-जहां नौजवानों की ख्वाहिश को अब कुछ घमंडी लोगों के द्वारा बेशर्मी से दफनाई जा रही है!कुल मिलाकर ज्यादातर लोगों ने चैंबर की वर्तमान कार्यशैली से अपनी नाराजगी जताई और तमाम घटनाओं पर अफसोस व्यक्त किया! कई बड़े व्यापारियों ने तो साफ-साफ शब्दों में कहा “लक्ष्मण बाबू” ने खुद अपने बेटे को चुनाव लड़वाया वं चुनाव के दिन खुद से आकर मतदान केंद्र पर बैठे-फिर भी समाज ने उनके पुत्र को बुरी तरह से हराकर वापस भेज दिया,इसी से समाज को समाज की मंशा समझ जानी चाहिए!चेंबर को बड़े-बड़े दान वं बड़े-बड़े सहयोग और समय देने वाले लोगों का अनुभव इस प्रकार सामने आया कि चैंबर संगठन को पहले अपना कीमती समय दीजिए-उसके बाद अपना कमाया हुआ धन से सहयोग कीजिए-उसके बाद बुरी तरह से बेइज्जत होकर अपने घर में बैठ जाइए- ऐसा वाक्या पूर्व में भी चेंबर के कई बड़े-बड़े पूर्व अध्यक्ष जैसे स्वर्गीय नारायण बाबू स्वर्गीय छेदीलाल चौबे स्वर्गीय शराफ साहब जैसे बड़े विद्वान वं शिक्षाविद व्यापारियों के साथ घटित हो चुका है!साधारण रोज कमाने खाने वाले व्यापारियों ने कहा तोबा-तोबा हम इन बातों से तौबा रखते हैं!
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