महिला संवाद अभियान की धमक: अररिया की 36 पंचायतों में गूंजीं जन-आकांक्षाएं

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अररिया । बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम महिलाओं तक पहुँचाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “महिला संवाद रथ” अभियान ने जिले में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। शनिवार को जिले के सभी 9 प्रखंडों की कुल 36 पंचायतों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी निगरानी एवं समन्वय की जिम्मेदारी जिला परियोजना समन्वय इकाई, अररिया ने बख़ूबी निभाई।

जन संवाद की नई मिसाल बनी यह पहल

कार्यक्रम के दौरान दो पालियों में (सुबह 9 से 11 बजे एवं शाम 4 से 6 बजे तक) संवाद सत्र आयोजित किए गए, जिनमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं शामिल हुईं। संवाद रथ ने निर्धारित समय पर हर पंचायत में पहुँचकर महिलाओं को सरकारी योजनाओं, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण, स्वरोजगार और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी ऑडियो-विजुअल माध्यम से दी।

महिलाओं ने इस दौरान अपने इलाके की समस्याओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को खुलकर साझा किया, जिसे फील्ड रिपोर्ट के ज़रिए राज्य स्तर पर भेजा जा रहा है, ताकि आगे की योजनाओं को जनभावनाओं के अनुरूप रूप दिया जा सके।

तकनीक और सहभागिता का संगम

महिला संवाद रथ को आधुनिक डिजिटल उपकरणों से लैस किया गया है। इसमें लगी बड़ी स्क्रीन, ऑडियो सिस्टम और संवाद सामग्री के माध्यम से योजनाओं को सहज, सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। इसका नतीजा यह रहा कि कई ग्रामीण महिलाएं, जो पहले योजनाओं के बारे में कम जानती थीं, अब उन्हें समझने और लाभ लेने के लिए तैयार दिखीं।

जिला परियोजना समन्वय इकाई, अररिया की सराहनीय भूमिका

इस पूरे अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने में जिला परियोजना समन्वय इकाई, अररिया की भूमिका केंद्र में रही। इकाई के अधिकारियों ने न केवल संवाद स्थलों की योजना बनाई बल्कि पंचायत स्तर पर पूर्व-तैयारी, टीम गठन, प्रचार-प्रसार और मॉनिटरिंग का दायित्व भी बख़ूबी निभाया।

जिला परियोजना समन्वय इकाई, अररिया के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा , “यह संवाद महिलाओं को सरकार से जोड़ने का पुल है। हमें गर्व है कि अररिया ज़िले में महिलाएं इतनी सक्रियता से आगे आईं । ”

महिलाओं की भागीदारी, सरकार के प्रति भरोसा

ग्रामीण महिलाओं ने संवाद के दौरान यह स्पष्ट किया कि वे अब योजनाओं को समझती हैं और उनका लाभ उठाना चाहती हैं। कई महिलाओं ने कहा कि इस तरह की जानकारी अगर नियमित रूप से मिलती रही, तो वे न केवल अपने लिए, बल्कि अपने परिवार और गांव के लिए भी बेहतर निर्णय ले सकेंगी।

जनता से जुड़ाव की नई राह

यह संवाद अभियान न केवल योजनाओं की जानकारी देने तक सीमित है, बल्कि यह नीति निर्माण के लिए जनता से फीडबैक जुटाने का एक सशक्त माध्यम भी बन रहा है। इसके ज़रिए सरकार महिलाओं की ज़मीनी जरूरतों को समझ सकेगी और योजनाएं उसी अनुरूप ढाली जा सकेंगी।

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Author: gaytri

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