पाकुड़: भारतरत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर पाकुड़ के आदिवासी छात्र संगठन ने बड़े हर्ष और उल्लास के साथ कार्यक्रम आयोजित किया। संगठन के सदस्यों ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर छात्र नेताओं ने डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर (1891-1956) के जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्हें एक महान समाज सुधारक, विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और लेखक बताते हुए उनके दलित समाज के उत्थान में किए गए कार्यों को याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब न केवल दलितों के अग्रणी थे, बल्कि वे भारतीय संविधान के निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री भी थे।
संगठन के सदस्यों ने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में डिग्री प्राप्त की थी। उन्होंने आजीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष किया, दलितों को उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई और भारत के संविधान निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम में आदिवासी छात्र संगठन के कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए, जिनमें छात्र नेता कमल मुर्मू, वरिष्ठ छात्रनायक चुण्डा मराण्डी, उपछात्र नायक माईनेला विक, बालिका छात्रानायिका शिवानी मुर्मू, उप छात्रनायिका पिंकी मराण्डी, रखीया मुर्मू, माबोली किस्कू, चौढभुनी, प्रेमलता मुर्मू, खोटरी हांसदा, प्रेम प्रकाश और नीतेंग किखु प्रमुख थे। सभी ने बाबा साहब के आदर्शों को अपनाने और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
