रांची : लोकसभा में हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 ने आदिवासी समुदाय के लिए एक नया सुरक्षा कवच प्रदान किया है। इस विधेयक के तहत अब शेड्यूल 5 और शेड्यूल 6 के तहत आने वाली आदिवासी जमीनों पर वक्फ बोर्ड किसी भी तरह का दावा नहीं कर सकेगा। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर सराहना की है।
बाबूलाल मरांडी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, “वक्फ कानून में संशोधन आदिवासी समाज के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच साबित होगा, जिससे शेड्यूल 5 और शेड्यूल 6 की ज़मीन पर किसी भी तरह से वक्फ़ का दावा नहीं किया जा सकेगा। यह संशोधन सुनिश्चित करेगा कि झारखंड समेत सभी आदिवासी क्षेत्रों में उनकी ज़मीनें वक्फ़ के नाम पर हड़पी न जाएं, और उनके संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहें।” उन्होंने इस कदम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं का आभार जताया।
झारखंड में इस विधेयक के पारित होने से आदिवासी समुदाय में खुशी की लहर है। स्थानीय आदिवासी नेताओं का कहना है कि वक्फ बोर्ड द्वारा उनकी जमीनों पर अनधिकृत दावों का लंबे समय से खतरा बना हुआ था। इस विधेयक के बाद अब उनकी जल, जंगल और जमीन की रक्षा हो सकेगी।
बीजेपी की झारखंड इकाई ने इसे आदिवासी समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
