नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है। यह परियोजनाएं पीएम मोदी के नए भारत के विजन के तहत क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने का हिस्सा हैं,जिससे विद्यमान नेटवर्क में करीब 318 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। सरकार के मुताबिक, इन पहलों से यात्रा सुविधा में सुधार होगा, लॉजिस्टिक लागत घटेगी, तेल आयात में कमी और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट आएगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल प्रचालन को बढ़ावा मिलेगा। कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण (133 किलोमीटर) – यह परियोजना खंड झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है। इसके अतिरिक्त, यह पटना और रांची के बीच सबसे छोटा और अधिक कुशल रेल संपर्क है।सरकार के अनुसार, इन परियोजनाओं से लगभग 1,408 गांवों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 28.19 लाख है। ये रास्ते कोयला, लौह अयस्क, तैयार स्टील, सीमेंट, उर्वरक, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पाद जैसे महत्वपूर्ण सामानों की ढुलाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन परियोजनाओं से अतिरिक्त 49 मिलियन टन प्रति वर्ष माल ढुलाई क्षमता बढ़ेगी। इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे की संचालन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे सेवाओं में सुधार होगा और यातायात में सुगमता आएगी। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव भारतीय रेलवे के संचालन को सरल बनाएंगे और भीड़-भाड़ को कम करेंगे।रेल मंत्रालय ने बताया कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार की गई हैं, जो मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती हैं। इससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की गतिशीलता में सुधार होगा।
