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रांची: केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह रांची के नगड़ी स्थित केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के 61वें स्थापना दिवस समारोह सह कृषि मेला के अवसर पर ‘मेरा रेशम मेरा अभिमान’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की. इसके तहत रेशम को बढ़ावा दिया जाएगा और तसर अनुसंधान पर जोर दिया जाएगा.
केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने तसर किसानों को केंद्रीय पुरस्कार भी दिए, जिन्हें लखपति किसान भी कहा जाता है. इस अवसर पर जहां संस्थान द्वारा तैयार कई पुस्तकों का विमोचन किया गया, वहीं सरीन इकोरेस और मोटराइज्ड तसर यार्न मेकिंग मशीन के लिए केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान और बायोसेफ रांची के साथ एमओयू भी किया गया.
इस अवसर पर केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिवकुमार, केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची के निदेशक डॉ एनबी चौधरी समेत नाबार्ड के कई अधिकारी मौजूद थे. इस अवसर पर आयोजित कृषि मेले में रेशम से जुड़े नए उत्पादों, अनुसंधान और सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सहायता के बारे में प्रदर्शनी लगाई गई. तसर संस्थान के 61वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के विकास के लिए सभी को जिम्मेदार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए और अच्छा काम न करने वाले कर्मचारियों के लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नौकरी मिलने के बाद यह मानसिकता बन जाती है कि मैं बाबू हूं, इस बाबू मानसिकता को मन से निकालना होगा. हमें 2047 में विकसित भारत का निर्माण करना है, यह अमृत काल है, इसमें जो भी योगदान देगा, इतिहास उसका नाम लिखेगा.उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जहां रेशम की चारों प्रजातियां शहतूत, तसर, मूगा और रेशम का उत्पादन होता है. रेशम बोर्ड इसके विकास और उत्पादन के लिए तैयार है. देश में रेशम उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है और यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके माध्यम से किसानों को अधिकतम लाभ मिल सकता है
