रांची : झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भ्रष्टाचार की परत खोलनी जारी रखी है। अब मामला राज्य में शराब की बोतलों के लिए होलोग्राम की आपूर्ति में घोटाले का सामने आया है, जिसकी जांच एसीबी कर रही है। राज्य में ब्लैकलिस्ट होने के पूर्व प्रिज्म कंपनी ने करीब 52 करोड़ होलोग्राम की आपूर्ति की थी। राज्य में 35 पैसे प्रति होलोग्राम की दर से सभी होलोग्राम की आपूर्ति हुई थी, जिसमें प्रिज्म कंपनी ने अधिकारियों को नौ प्रतिशत का कमीशन दिया था। कमीशन का यह मामला करोड़ों का है, जो अधिकारियों की जेब में गई है। एसीबी अब सभी घोटाले की परत खोलने के दौरान कमीशन के इस परत को भी खोलने जा रही है। झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में हुए सभी लेन-देन की एसीबी जानकारी जुटा रहा है। चौबे के कार्यकाल में ही मई 2022 में छत्तीसगढ़ मॉडल के तहत शराब की खुदरा बिक्री शुरू हुई थी। इसमें छत्तीसगढ़ के उत्पाद सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने विनय कुमार चौबे को पूरा सहयोग किया था। दोनों ने मिलकर राज्य में शराब घोटाले की पटकथा लिखी। उस वक्त झारखंड में शराब आपूर्ति, मैन पावर आपूर्ति से लेकर शराब की बोतलों के लिए होलोग्राम की आपूर्ति तक का ठेका भी छत्तीसगढ़ में सक्रिय एजेंसियों को ही मिला। जब छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला उजागर हुआ, तब झारखंड में उन एजेंसियों, होलोग्राम आपूर्ति कंपनी का इतिहास खंगाला गया और फिर झारखंड में भी उन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया। अब तक की छानबीन में यह खुलासा हो चुका है कि प्रिज्म ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड में भी नकली होलोग्राम की आपूर्ति की और उसके बदले में यहां से मोटी रकम वसूली। एसीबी ने इन सभी बिंदुओं को अपनी जांच में शामिल किया है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में ही वर्ष 2023 में नोएडा के कासना थाने में होलोग्राम आपूर्ति कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता सहित पांच के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पूर्व में विधु गुप्ता को नाेएडा एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। अब जल्द ही एसीबी भी विधु गुप्ता से पूछताछ करेगी।
