रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ स्वयं अनुराग गुप्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह याचिका झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दायर की है। बाबूलाल मरंडी ने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा बनाए गए डीजीपी नियुक्ति नियमों की वैधता पर भी सवाल उठाए हैं। मरांडी ने याचिका में कहा है कि नए नियमों के तहत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की भूमिका को समाप्त कर दिया गया है, जबकि पहले राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी द्वारा चयनित वरिष्ठ अधिकारियों की पैनल सूची के आधार पर होती थी।मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया गया कि पहले राज्य में डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी के वरिष्ठ अधिकारियों के पैनल के माध्यम से की जाती थी। मरांडी ने याचिका में कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने यूपीएससी पैनल की सिफारिश पर विचार नहीं किया है और डीजीपी की नियुक्ति के लिए अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सूचना आयोग, लोकायुक्त, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त शीर्ष पदों पर अगस्त तक नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।
